डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सोमवार (15 सितंबर) को बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा कर बताया की, 16 सितंबर से अमेरिका में आयात होने वाली जापानी ऑटोमोबाइल्स पर टैरिफ घटाकर 15% कर दिया जाएगा। पहले जापानी कारों पर कुल 27.5% शुल्क लगता था, जिसमें 2.5% बेस टैरिफ और अप्रैल 2025 से लागू 25% सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ शामिल था। इस कटौती से जापानी कंपनियों को अमेरिकी बाजार में बड़ी राहत मिली है।
इसके विपरीत, दक्षिण कोरियाई कारों पर 25% टैरिफ बरकरार है क्योंकि वॉशिंगटन और सियोल के बीच व्यापार वार्ता पिछले डेढ़ महीने से अटकी हुई है। इससे हुंडई और किया (Hyundai, Kia) जैसी कंपनियां अमेरिकी बाजार में सीधी प्रतिस्पर्धा कर रही टोयोटा और अन्य जापानी ब्रांड्स के मुकाबले महंगी पड़ेंगी।
अमेरिकी फेडरल रजिस्टर के मुताबिक, 16 सितंबर से जापानी कारों पर घटा हुआ शुल्क लागू होगा। जापान को यह राहत हाल ही में हुए व्यापार समझौते के तहत मिली है। वहीं, दक्षिण कोरिया अप्रैल से ही ट्रेड एक्सपैंशन एक्ट की धारा 232 के तहत 25% टैरिफ का सामना कर रहा है, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लगाया था।
30 जुलाई को अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने एक व्यापक समझौता किया था, लेकिन $350 अरब (लगभग 485 ट्रिलियन वोन) के निवेश को लेकर मतभेद अब भी बने हुए हैं। हाल ही में कोरिया के उद्योग और व्यापार मंत्री किम जंग-क्वान और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक की न्यूयॉर्क बैठक भी किसी ठोस नतीजे के बिना खत्म हो गई। अमेरिका निर्यात के लिए अमेरिका दक्षिण कोरिया के लिए सबसे बड़ी श्रेणी में आता है, जो कुल निर्यात का 10.4% हैं। ऐसे में टैरिफ असमानता सीधे तौर पर हुंडई और किया की बिक्री और मुनाफे को प्रभावित करेगी।
ऑटोमोबाइल्स के अलावा सेमीकंडक्टर सेक्टर भी खतरे में है। ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि इंटीग्रेटेड सर्किट्स और सेमीकंडक्टर्स पर 100% तक टैरिफ लगाया जा सकता है। हालांकि दरें अभी तय नहीं हुई हैं, लेकिन जल्द ही फार्मास्यूटिकल्स समेत कई क्षेत्रों में सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ लागू होने की संभावना है।
कोरियाई सरकार का दावा है कि उसने अमेरिका से “मोस्ट फेवर्ड नेशन” (MFN) ट्रीटमेंट का आश्वासन हासिल किया है, जिससे उसके निर्यात किसी अन्य देश की तुलना में नुकसान में न हों। लेकिन अमेरिकी पक्ष की ओर से कोई औपचारिक लिखित गारंटी नहीं मिली है, जिससे कोरिया के उद्योग जगत में गहरी चिंता बनी हुई है।
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