अमेरिका के नए वीज़ा नियम ने भारतीय पेशेवर और उनके परिवारों में अचानक घबराहट और अनिश्चितता पैदा कर दी है। 15 दिसंबर से लागू हो रहे इस नियम के तहत अब सभी H-1B कार्यकर्ताओं, आवेदकों और उनके H-4 आश्रितों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स सार्वजनिक (public) रखने होंगे, ताकि वीज़ा वेटिंग के दौरान कांसुलर अधिकारी उनके ऑनलाइन पोस्ट की जांच कर सकें। यह प्रावधान न केवल नई एप्लिकेशंस पर लागू होगा, बल्कि वीज़ा रिन्यूअल पर भी समान रूप से लागू किया जाएगा।
भारतीय समुदाय अमेरिका में हाई-स्किल्ड वीज़ा धारकों का सबसे बड़ा समूह है, H-1B अनुमोदनों में 70 प्रतिशत से अधिक और H-4 EAD धारकों में लगभग 90 प्रतिशत, वहीं अब यह समुदाय अमेरिकी वीजा नियमों में बदलाव से सबसे अधिक प्रभावित है। कई परिवारों ने अपना करियर, गृह-ऋण और बच्चों की शिक्षा इसी स्थिर वीज़ा स्थिति पर आधारित रखी है।
इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि यह नीति ऑनलाइन गतिविधियों की उन परतों को भी जांच के दायरे में ला देगी जिनमें साधारण टिप्पणियाँ, राजनीतिक विचार, या लिंक्ड इन और अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर रेज़्यूमे से ज़रा-सी असंगति भी शामिल हो सकती है। उनकी चेतावनी है कि ऐसी किसी भी बात से अतिरिक्त स्क्रूटनी, प्रशासनिक विलंब या वीज़ा रद्द होने जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
इस बदलाव का प्रभाव सिर्फ़ मनोवैज्ञानिक नहीं रहा है, यह अब प्रत्यक्ष रूप से भारत में वीज़ा प्रक्रियाओं को बाधित कर रहा है। द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद और चेन्नई सहित कई कांसुलेटों ने बड़ी संख्या में इंटरव्यू अपॉइंटमेंट अचानक रद्द कर दिए हैं। दिसंबर में होने वाली कई नियुक्तियाँ सीधे मार्च 2026 तक खिसका दी गईं, जिससे नए कर्मचारियों की जॉइनिंग प्रभावित हुई है। कई परिवार विदेश में फँस गए हैं, जबकि कुछ लोग भारत में अल्पकालिक यात्रा के बाद वापस लौटने में असमर्थ हैं क्योंकि उनका वीज़ा स्लॉट दो साल आगे बढ़ा दिया गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने इस नीति का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पहले से छात्रों और एक्सचेंज विज़िटर्स के लिए लागू थी और अब इसे विस्तारित किया गया है। विभाग का कहना है, हर वीज़ा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा का निर्णय है। साथ ही यह भी जोड़ा गया कि वीज़ा अधिकार नहीं बल्कि विशेषाधिकार है और ऑनलाइन गतिविधियों की जांच यह सुनिश्चित करती है कि आवेदक अमेरिका या उसके हितों को नुकसान पहुँचाने का इरादा न रखते हों।
इसके साथ ही, भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार(9 दिसंबर) को आवेदकों को चेतावनी दी कि यदि उनकी नियुक्ति की तारीख बदल दी गई है, तो वे पुराने स्लॉट पर पहुँचने की गलती न करें। दूतावास ने स्पष्ट कहा कि पुराने अपॉइंटमेंट पर पहुँचने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दूतावास ने X पर पोस्ट किया, “यदि आपको ईमेल द्वारा सूचित किया गया है कि आपकी इंटरव्यू नियुक्ति को पुनर्निर्धारित किया गया है, तो कृपया नई तारीख पर आएँ। पहले वाले स्लॉट की तारीख को आने वालों को अंदर प्रवेश नहीं मिलेगा।”
इमिग्रेशन अटॉर्नी स्टीवन ब्राउन ने कहा कि भारत मिशन द्वारा अपॉइंटमेंट्स को रद्द कर मार्च में स्थानांतरित किए जाने की पुष्टि अब आधिकारिक रूप से हो गई है। “वे सोशल मीडिया वेटिंग की तैयारी के लिए आने वाले हफ्तों के कई स्लॉट रद्द कर चुके हैं,” ब्राउन ने कहा। इस नए नियम ने पहले से लंबी प्रतीक्षा अवधि वाले अमेरिकी वीज़ा सिस्टम में एक और अनिश्चितता जोड़ दी है, जिससे हजारों भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के योजनाएँ प्रभावित हो रही हैं।
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