उत्तर प्रदेश में कुशीनगर की निर्माणाधीन मदनी मस्जिद को लेकर विवाद में प्रशासन की एंट्री की बाद विवाद और भी बढ़ गया है । मस्जिद के एक हिस्से को अवैध बताते हुए प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। नोटिस मस्जिद की दीवार पर लगाकर चेताया गया है की, तीसरी और चौथी मंजिल के साथ भूमिगत का निर्माण अवैध है। साथ ही नगर पालिका ने मस्जिद इंतजामिया कमेटी को 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। इस नोटीस के अनुसार अगर 15 दिन के भीतर जवाब नहीं दिया गया, तो उचित कारवाई की जाएगी।
बता दें कुशीनगर की मदनी मस्जिद 25 साल पुरानी बताई जाती है, लेकिन इसका एक हिस्सा हाल में बनाया गया है। यह हाटा नगर पालिका क्षेत्र में आती है। कुछ दिनों पहले हिन्दू संगठन की ओर से इस मस्जिद के नजूल भूमि, पुलिस स्टेशन और नगरपालिका की जमीन पर निर्माण करने की शिकायत की गई थी। इसके बाद एसडीएम स्तर पर पैमाइश शुरू की गई थी। पैमाइश के वक्त मुस्लिम पक्ष ने अपनी ओर से कागजात भी पेश किए गए थे। जमीन को लेकर जब तक रुख स्पष्ट नहीं है, लेकिन तीसरी और चौथी मंजिल के अवैध तरीके से बनाई जाने की बात सामने आयी है।
बता दें की मुस्लिम पक्ष का दावा है कि 32 डिसमिल जमीन हिंदूओं से ही खरीदी गई थी। रजिस्ट्री के 30 डिसमिल जमीन में मस्जिद बनवाई गई है। अगल-बगल अभी 2 डिसमिल जमीन शेष है। मस्जिद की जमीन किसी तरह से विवादित नहीं है।
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दरम्यान शिकायतकर्ता ने कहा कि वह 1993 मस्जिद का निर्माण शुरू होते ही वह अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। जब-जब ज्ञापन दिया, पैमाइश हुई, पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। पूर्व की सरकारों में इस मस्जिद को बनाया गया और जब मौजूदा मुख्यमंत्री के पास शिकायत लेकर पहुंचा तो अब आगे की कार्यवाही शुरू हुई। फिलहला प्रशासन मामले में आगे की कारवाई कर रही है।
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