नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में जल्द बड़ा फेरबदल हो सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिनेश त्रिवेदी, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, वरुण गांधी, जमयांग सेरिंग नामग्याल शामिल हैं। इस पूरी कवायद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह खुद शामिल रहे हैं। अगले साल यूपी सहित कई राज्यों में चुनाव होने हैं। पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शीर्ष भाजपा नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे थे। माना जा रहा है कि इन चुनावों को ध्यान में रखकर मोदी कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा। गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त होगा।
वरुण गांधी-वरुण गांधी पीलीभीत से भाजपा सांसद हैं। वह नेहरू-गांधी परिवार से आते हैं। उन्हें अपने आक्रामक तेवरों के लिए जाना जाता है। उनकी छवि कट्टर हिंदूवादी नेता के तौर पर रही है। उनके सिलेक्शन के पीछे अगला यूपी चुनाव भी एक वजह हो सकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया-ज्योतिरादित्य सिंधिया की मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने और उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जिताने में अहम भूमिका रही थी। वह एक साल पहले भाजपा से जुड़े हैं। ज्योतिरादित्य का कांग्रेस में काफी ऊंचा कद था। वह मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री का पद संभाल चुके हैं। वह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी थे।
दिनेश त्रिवेदी-त्रिवेदी कभी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी रहे हैं। वह बंगाल चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। वह मनमोहन सिंह की कैबिनेट में रेल मंत्री रह चुके हैं।
भूपेंद्र यादव-बिहार में बीजेपी की सफलता के पीछे भूपेंद्र यादव को अहम माना जाता है। भूपेंद्र ने हैदराबाद लोकल बॉडी इलेक्शन में बीजेपी को आगे बढ़ने में बड़ी मदद की थी। पार्टी संगठन के काम में भी वह माहिर है। कार्यकर्ताओं के साथ उनका अच्छा तालमेल रहा है।
अश्विनी वैष्णव-पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे हैं। बीजेडी के समर्थन के साथ उन्होंने बिना किसी विरोध के राज्यसभा इलेक्शन जीता था।
जमयांग सेरिंग नामग्याल-लद्दाख क्षेत्र में जमयांग बीजेपी के सबसे प्रमुख और युवा चेहरों में से हैं। उन्होंने लद्दाख हिल काउंसिल पोल्स में बीजेपी के दबदबे को बनाने में मदद की थी।