नेपाल इस समय भीषण हिंसक प्रदर्शनों की चपेट में है, जिसके चलते राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल है। भारी हिंसा, आगजनी और पथराव के बीच भारतीय और विदेशी नागरिक वहां फंसे हुए हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि स्थानीय प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और सेना को तैनात किया गया है।
काठमांडू में मौजूद एक भारतीय पर्यटक ने आईएएनएस से बातचीत में बताया, “हमने यहां से निकलने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क किया। उन्होंने हमें अपने होटल में ही रहने की सलाह दी। यहां स्थिति बहुत तनावपूर्ण है और हम बेहद डरे हुए हैं।”
एक अन्य भारतीय नागरिक ने कहा, “नेपाल में स्थिति काफी खराब है। पथराव और आगजनी की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। मैं अपने दोस्तों के साथ 8 सितंबर को यहां घूमने आया था। हालात बिगड़ने के बाद दूतावास से मदद मांगी और उन्होंने सुरक्षित जगह पर रुकने को कहा है।”
कर्फ्यू में फंसे एक और भारतीय ने चिंता जताई, “मैं दोस्तों के साथ नेपाल आया था, लेकिन हमारे पहुंचने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। अब हालात बहुत गंभीर हो चुके हैं। जितनी जल्दी हम सुरक्षित यहां से निकल सकें, उतना बेहतर होगा। खाने-पीने की समस्या भी बढ़ रही है।”
इस बीच, एक जर्मन पर्यटक ने भी हालात पर गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “स्थिति बहुत खराब है। कल मैंने होटलों से बहुत सारा धुआं उठता देखा। वे जल रहे थे और यहां निर्दोष लोग मर रहे हैं। यह बहुत दुखद है। मैं कामना करता हूं कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे।”
भारत सरकार ने नेपाल में मौजूद अपने नागरिकों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग पहले से नेपाल में हैं, वे घरों से बाहर न निकलें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। साथ ही नागरिकों को फिलहाल नेपाल की यात्रा टालने की अपील की गई है।
हिंसक प्रदर्शनों का असर धार्मिक स्थलों तक भी पहुंचा है। नेपाल का प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर बुधवार (10 सितंबर)को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर परिसर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए नेपाल सेना की तैनाती की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालात काबू में लाने के लिए नेपाल सरकार लगातार सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा रही है, लेकिन स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
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