देश में कथित रूप से बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता व्यक्त करने को लेकर मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की आलोचना करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को कहा कि मुस्लिम नेताओं को अपने समुदाय को ‘भड़काना’ नहीं चाहिए और मुस्लिमों पर अत्याचार की ‘झूठी कहानियां’ फैलाकर सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने से बचना चाहिए|
उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कश्मीर से लेकर केरल तक के कट्टरपंथी नेता अपने ‘अलगाववादी एजेंडे’ को लागू करने के वास्ते संविधान, न्यायपालिका और हिंदू समाज को चुनौती देने के लिए एक साथ आए है|
जमीयत के नेता मौलाना महमूद मदनी और बदरूद्दीन अजमल पर हमला करते हुए विहिप नेता ने आरोप लगाया कि उनके जैसे कट्टरपंथी नेताओं ने देवबंद में एक सम्मेलन में ‘भारत में मुसलमान पीड़ित हैं’ का नारा लगाकर एक बार फिर मुस्लिम समाज को भड़काने की कोशिश की है|
जमीयत ने भाजपा नीत सरकार पर बहुसंख्यक समुदाय के दिमाग में जहर घोलने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था और देश में कथित रूप से बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता व्यक्त की थी| इसके बाद विहिप का यह बयान आया है|
जैन ने कहा, ‘यह भारत का दुर्भाग्य है कि कुछ वर्ष पहले तक भारत की राजनीति का केंद्र मुस्लिम तुष्टीकरण था| कट्टरपंथी नेता भारतीय राजनीतिक नेताओं को अपनी नाजायज मांगें स्वीकार करने के लिए ब्लैकमेल करते रहे हैं|
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