विवान कारुलकर की ‘सनातन धर्म’ ​की​ हो रही है प्रसंशा; मात्र 16 वर्ष की आयु में लिखी पुस्तक!

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल ने भी इस किताब के लिए विवान की सराहना की| जैन आचार्य महाश्रमणजी ने भी किताब देखकर विवान को आशीर्वाद दिया|

विवान कारुलकर की ‘सनातन धर्म’ ​की​ हो रही है प्रसंशा; मात्र 16 वर्ष की आयु में लिखी पुस्तक!

Vivaan Karulkar's 'Sanatan Dharma' is being appreciated; A book written in just 16 years!

प्रसिद्ध उद्योगपति और कारुलकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रशांत कारुलकर और फाउंडेशन की उपाध्यक्ष शीतल कारुलकर के बेटे विवान कारुलकर द्वारा लिखित ‘सनातन धर्म : सभी विज्ञानों का सच्चा स्रोत’ पुस्तक की विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों ने प्रशंसा की है और 16 वर्ष की आयु में यह पुस्तक लिखकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रशंसा की है।

इस किताब में विवान ने प्रस्ताव दिया है कि वेदों में जो लिखा है वही आज का विज्ञान है| विवान ने अपनी पुस्तक के माध्यम से उन लोगों को जवाब दिया है जो गलत सूचना फैलाते हैं कि विज्ञान और सनातन धर्म के बीच कोई संबंध नहीं है, साथ ही उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से यह भी दिखाया है कि नई पीढ़ी विज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी सकारात्मक दृष्टि से देखती है। .

जब विवान ने राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस को पुस्तक की एक प्रति भेंट की, तो राज्यपाल ने विवान के प्रयासों की सराहना की और टिप्पणी की कि यह नया भारत है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष चौहान ने जब विवान के साथ पुस्तक पर चर्चा की तो उन्हें भी पुस्तक की एक प्रति भेंट की गई। उन्होंने अपना समय लेते हुए किताब पढ़ी, उस पर अपने हस्ताक्षर किए और किताब पसंद आते ही अपनी प्रतिक्रिया दी।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल ने भी इस किताब के लिए विवान की सराहना की| जैन आचार्य महाश्रमणजी ने भी किताब देखकर विवान को आशीर्वाद दिया|

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भय्याजी जोशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी को भी पुस्तक की प्रति भेंट की गई। उन्होंने विवान की सराहना भी की| डीमार्ट के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष राधाकिशन दमानी ने भी पुस्तक की सराहना की। उन्होंने इस प्रति को बड़े ध्यान से देखा। विवान की किताब ने इंडिया ग्लोबल फोरम के मंच पर भी छाप छोड़ी| रिलायंस इंडस्ट्रीज के महेंद्र पटेल, आईजीएफ के संस्थापक एवं कार्यकारी अध्यक्ष मनोज लाडवा ने भी पुस्तक की सराहना की|

भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मुंबई प्रभारी अतुल भातखलकर, सांसद गोपाल शेट्टी, सुशील कुल्हारी, राजस्थान आयकर विभाग के प्रधान निदेशक सुधांशु शेखर झा, स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर, मुंबई नगर निगम के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण परदेशी, धाराशिव के कलेक्टर डाॅ. सचिन ओम्बासे, धाराशिव पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी, जैन संस्था के पी.पी. गुरुदेव नयापद्मसागरजी, सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त असलम हसन, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के निजी सचिव एस.के.जाधव ने भी विवान के प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

विवान की लिखी किताब को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के मंच पर भी सराहा गया और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया| वाराणसी के काशी विश्वेश्वर मंदिर, शनिशिंगणापुर के शनिश्वर मंदिर को विवान की यह पुस्तक भेंट कर आशीर्वाद दिया गया।

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