भारतीय सेना का आंख-कान बनेगा संजय प्रोजेक्ट, जाने क्या है यह बला! 

भारत की सेना को लगातार हाईटेक किया जा रहा है।  इसके लिए भारतीय सेना को हाईटेक बनाने के लिए "संजय प्रोजेक्ट" बनाया गया है।    

भारतीय सेना का आंख-कान बनेगा संजय प्रोजेक्ट, जाने क्या है यह बला! 
भारत की सेना को लगातार हाईटेक किया जा रहा है। इस बीच खबर है कि भारतीय सेना को हाईटेक बनाने के लिए “संजय प्रोजेक्ट” बनाया गया है। इसके जरिये भारतीय सेना को हर तरह से आधुनिक शस्त्रों से लैस किया जाएगा। कहा जा रहा है कि संजय प्रोजेक्ट सेना का आंख , कान और नाक साबित होगा। इसके जरिये ऑपरेशनल सिस्टम को और शक्तिशाली बनाया जायेगा। इस प्रोजेक्ट तहत नया बैताल सर्विलांस सिस्टम यानी बीएसएस लाया जाएगा। जो रेगिस्तानी मैदानी के साथ पर्वतीय इलाकों लगाया जाएगा। ऐसे में सवाल  उठता है कि आखिर संजय प्रोजेक्ट क्या है ? तो आइये जानते हैं।

प्रोजेक्ट को 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा:
पिछले दिनों सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा था कि इसके आ जाने से भारतीय और अधिक हाईटेक हो जाएगी। इतना ही नहीं इस प्रोजेक्ट के आ जाने से भारतीय सेना आत्मनिर्भर बनेगी, युद्ध में उसकी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि इन सबसे बड़ी बात यह कि भारतीय सेना भविष्य में आने वाली चुनौतियों से भी आसानी से निपट सकती है। संजय प्रोजेक्ट को कई सिस्टम से जोड़ने का काम किया जा रहा है। इससे संवाद पहले से बेहतर होगा। जरुरी जानकारियों को तेजी के साथ सर्कुलेट करेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत हर डिवीजन और कॉर्प्स लेवल पर सर्विलांस सेंसर लगाए जाएंगे। बताया जा रहा है इस प्रोजेक्ट को 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
युद्ध की भी तस्वीरें देखी जा सकती हैं: गौरतलब है कि बैताल सर्विलांस सिस्टम यानी बीएसएस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड गाजियाबाद को दी गई है। यह एक आर्मी इंफरमेशन एंड  डिसीजन सपोर्ट सिस्टम है। इसे सेना के आर्टिलरी कॉम्बैट एंड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे भारतीय सेना के जवान और सतर्क हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम की शुरुआत  बीते साल ही हो चुकी है। इसके सफल होने पर ही अब इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा जा रहा है कि इसके आ जाने से भारतीय सेना को सटीक और सही जानकारी मिलेगी। इतना ही नहीं दुश्मन की गतिविधियों और तस्वीरें भी मिलती रहेंगी।इसके सहयोग से युद्ध की भी तस्वीरें देखी जा सकती हैं। युद्ध के दौरान कई जानकारियाँ मिलती रहेंगी और नुकसान भी काम होगा।
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