लखनऊ। यूपी सरकार द्वारा नीति आयोग में पेश योजना के मुताबिक लखनऊ, वाराणसी समेत अयोध्या, कुशीनगर और गौतमबुद्ध नगर से भी बहुत जल्द दुनिया के विभिन्न देशों के लिए सीधी हवाई सेवा की सुविधा उपलब्ध होगी। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज और हिण्डन एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। 15 दिन के भीतर बरेली हवाई अड्डे से भी हवाई सेवाओं की शुरुआत कर दी जाएगी। 8 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। अब तक केवल दो ही शहरों में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं, लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट (अमौसी हवाई अड्डा) और लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा वाराणसी (बाबतपुर एयरपोर्ट) से ही अंतर्राष्ट्रीय उ़ड़ानों का संचालन किया जाता है। विकास को गति देने के लिये बीते कुछ सालों में केन्द्र की मोदी सरकार और सूबे की योगी सरकार ने हवाई कनेक्टिविटी पर खास फोकस किया है। सूबे में कुशीनगर, नोएडा ऑर अयोध्या में भी अत्याधुनिक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा और यहां से इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेशन होगा।
कुशीनगर में बन रहा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पूर्वांचल का दूसरा, यूपी का तीसरा और देश का 87वां लाइसेंसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। यह न सिर्फ बनकर तैयार हो चुका है बल्कि बीते 23 फरवरी को डीजीसीए ने इसे उड़ान का लाइसेंस भी जारी कर दिया है। नोएडा के जेवर में भी ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है, गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में 40.0919 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पांच रनवे होंगे, दो रनवे के लिये जमीन अधिग्रहित हो चुकी है, जबकि तीन के लिये 3,418 हेक्टेयर भूमि अभी अधिग्रहित होनी है, अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही यहां विकास की ढेरों परियोजनाएं शुरू की गई हैं। श्रद्धालुओं ऑर पर्यटकों की सहूलियत को देखते हुए कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, यहां श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने पर तेजी से काम चल रही है। हवाई सेवाओं के लिहाज से देश में फिलहाल केरल, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य आगे हैं।