भारत चांद पर कब इंसान भेजेगा? इसरो ने दी गगनयान के बारे में जानकारी !
इसरो के चेयरमैन एस.सोमनाथ ने इस अभियान की जानकारी खुद दी है| रामेश्वरम में एक कार्यक्रम में सोमनाथ ने कहा कि 21 अक्टूबर को पहली परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी1) के बाद डी2, डी3 और डी4 की योजना बनाई गई है। यानी शुरुआत में चार परीक्षण उड़ानें भेजी जाएंगी|
Team News Danka
Updated: Sun 15th October 2023, 07:35 PM
When will India send a man to the moon? ISRO gave information about Gaganyaan!
भारत के चंद्रयान-3 मिशन की बड़ी सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 21 अक्टूबर को अपने गगायन मिशन की पहली परीक्षण उड़ान अंतरिक्ष में भेजने जा रहा है। इसरो के चेयरमैन एस.सोमनाथ ने इस अभियान की जानकारी खुद दी है| रामेश्वरम में एक कार्यक्रम में सोमनाथ ने कहा कि 21 अक्टूबर को पहली परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी1) के बाद डी2, डी3 और डी4 की योजना बनाई गई है। यानी शुरुआत में चार परीक्षण उड़ानें भेजी जाएंगी|
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत चांद पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है। इस योजना के तहत पहले चार परीक्षण उड़ानें अंतरिक्ष में भेजी जाएंगी| भारत के राकेश शर्मा रूसी अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे। अब अंतरिक्ष में सबसे पहले इंसानों को भेजने की तैयारी की जा रही है| परीक्षण उड़ानों में क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में लॉन्च करना,कैप्सूल को पृथ्वी पर वापस लाकर बंगाल की खाड़ी में टचडाउन करके पुनर्प्राप्त किया जाएगा। गगनयान मिशन के दौरान क्रू मॉड्यूल अंतरिक्ष यात्रियों को बाहरी अंतरिक्ष में ले जाएगा।
अगले साल मानवरहित और मानवयुक्त मिशन की योजना: गगनयान मिशन इसरो अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला मानवरहित मिशन संचालित करने की योजना बना रहा है। अगर मानवरहित मिशन सफल रहा तो इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा| इसरो ने 8 से 10 अगस्त के बीच चंडीगढ़ में गगनयान मिशन के ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण किया। यह पैराशूट अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित उतरने में मदद करेगा। यह क्रू मॉडल को धीमा और स्थिर कर देगा। इसलिए परीक्षण के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग स्थिति का परीक्षण किया जाएगा।
3 अंतरिक्ष यात्री 400 किमी जाएंगे, 3 दिन बाद लौटेंगे: गगनयान तीन दिवसीय मिशन के लिए तीन सदस्यीय दल को 400 किमी पृथ्वी की कक्षा में ले जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को समुद्र में सुरक्षित उतारा जाएगा। अगर भारत इस मिशन में सफल हो जाता है तो वह अमेरिका, चीन और रूस के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
12 अप्रैल, 1961 को सोवियत रूस के यूरी गगारिन 108 मिनट तक अंतरिक्ष में रहने वाले पहले नागरिक बने। भारत के राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 को रूस के सोयुज टी-11 अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में गये थे। 20 जुलाई 1969 को अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग ने पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा था। कुल 12 लोगों ने चांद पर कदम रखा है|