वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मैं काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का हृदय से धन्यवाद देता हूं। विशेष रूप से हमारे डॉक्टर्स, नर्सेज, वार्ड बॉयज और एम्बुलेंस ड्राइवर्स ने जो काम किया है, वो वाकई सराहनीय है। स्वास्थ्यकर्मियों के चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक होते हुए बोले कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूँ, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। इससे हमारे स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव पड़ा है। इस असाधारण परिस्थिति में भी हमारे डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के इतने बड़े परिश्रम से ही इस दबाव को संभालना संभव हुआ है।
आप सभी ने एक-एक मरीज की जीवन रक्षा के लिए दिन-रात काम किया। खुद की तकलीफ, आराम इन सबसे ऊपर उठकर जी-जान से काम करते रहे। बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीज़न और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आपमें एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है, हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब हमारा नया मंत्र है ‘जहां बीमार वहीं उपचार’। इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएं बांट रहे हैं, ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।
संसद में फूट-फूट कर रोये थे योगी आदित्यनाथ
कोरोना वायरस की चुनौती को लेकर वाराणसी के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर योगी सरकार के प्रयासों को भी सराहा,प्रधानमंत्री ने कहा कि ”पूर्वांचल में पहले किस तरह बच्चों में दिमागी बुखार वाली बीमारी का कहर था. इससे हर साल हजारों बच्चों की दुखद मृत्यु हो जाती थी. योगी जब सांसद थे, तब बच्चों की मृत्यु पर वो फूट-फूट कर संसद में रोये थे. सरकार से बच्चों को बचाने की गुहार लगाते थे.” उन्होंने कहा कि ”जब योगी जी मुख्यमंत्री बने, तो भारत सरकार के साथ मिलकर उन्होंने दिमागी बुखार के खिलाफ बड़ा अभियान शुरु किया. आज काफी मात्रा में बच्चों की जिंदगी बचाने में हम सफल हुए हैं।