एक बार फिर बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र शास्त्री चर्चा में हैं। फिलहाल वे बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में अपने पांच दिवसीय हनुमान कथा के लिए डेरा डाले हुए हैं। हालांकि यहां भी धीरेन्द्र शास्त्री हिन्दू राष्ट्र की पुरजोर वकालत कर रहे हैं। जिसकी वजह से बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक ओर जहां बीजेपी धीरेन्द्र शास्त्री का समर्थन कर रही है तो दूसरी ओर महागठबंधन धीरेन्द्र शास्त्री का विरोध कर रहा है।
दूसरी ओर, धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा पहनी गई पगड़ी की खूब चर्चा है। साथ ही उनके महाराजाओं के लुक को उनके समर्थक खूब पसंद कर रहे है। शास्त्री हमेशा चटक रंग और चमकीले कपड़ों में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। ऐसे में सवाल है कि धीरेन्द्र शास्त्री क्यों कपडे पहनते हैं। गौरतलब है कि बागेश्वर धाम के बाबा एक ख़ास किस्म की पगड़ी पहनते हैं। कहा जाता है कि मराठा राजा महराजा ऐसी पगड़ी पहनते थे। धीरेन्द्र शास्त्री जहां रहते हैं वह स्थान बागेश्वर धाम है। ऐसे में माना जाता है कि धीरेन्द्र शास्त्री यहां के खुद का महाराजा मानते हैं और बताते भी हैं। इसलिए ऐसी पगड़ी पहनते हैं।
बता दें कि बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी कभार ऐसी ही पगड़ी पहने हुए दिखाई देते हैं। सिंधियाँ कोल्हापुर में बनी पगड़ी को पहनते हैं। सिंधियां राज परिवार से आते हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों एक टीवी कार्यक्रम धीरेन्द्र शास्त्री ने बताया था कि उनके समर्थकों द्वारा ऐसी पगड़ी दी जाती है।जो उन्हें बड़े प्यार से देते हैं। इसलिए अपने समर्थकों द्वारा दिए गए सामान को धारण कर लेते हैं। इस बीच उनके बयान पर बिहार के नीतीश कुमार भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सभी को अपना धर्म मानने का अधिकार है ,लेकिन किसी को देश के संविधान का उल्लंघन करने का अधिकार किसी को नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर किसी को पूजा पाठ करने का अधिकार दिया गया है लेकिन नीति तय करने का अधिकार नहीं है।
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