देश का पहला रोप-वे ट्रांसपोर्ट, इन सुविधाओं से लैस होगा?

यह रोपवे वाराणसी के विभिन्न सड़कों से होते हुए गुजरेगा।

देश का पहला रोप-वे ट्रांसपोर्ट, इन सुविधाओं से लैस होगा?

काशी को नई सौगात मिलने जा रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देश का पहला रोप-वे ट्रांसपोर्ट बनने जा रहा है। से बनाने को लेकर सरकार ने अपनी ओर से कार्यविधि तेज कर दी है। इसे बनाने में 424 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 10 से 12 फरवरी को लखनऊ में हुई ग्लोबल इन्वेटर्स समिट में इसकी डिजाइन रखी गई थी। वहीं इस योजना पर 80 फीसदी केंद्र सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार खर्चा करेगी।

शहर में बढ़ते ट्रैफिक बोझ को देखते हुए कैंट से गोदौलिया तक 4.2 लोमीटर लंबा रोपवे बनाने का फैसला किया गया है। वहीं अगर यह रोपवे बन जाता है तो कैंट से गोदौलिया तक का सफर आसान हो जाएगा। रोप-वे बनने के बाद कैंट से गोदौलिया तक का सफर महज 15 मिनट में पूरा होगा। कैंट से गोदौलिया की सड़क मार्ग की दूरी 5 किलोमीटर है। इस रोप-वे से 1.2 किलोमीटर की दूरी भी कम होगी। इस साल मई से रोप-वे का काम शुरू करने की तैयारी है। रोपवे की डिजाइन तैयार कर ली गई है। इसमें रोपवे रुट, उसका स्ट्रक्चर और पिलर का पूरा ब्लू प्रिंट आदि तय हो गए हैं। रोपवे प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने रोपवे प्रोजेक्ट को टाइम पर तैयार करने का निर्देश दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रोपवे की जमीन से कुल ऊंचाई 45 मीटर होगी। यह रोपवे वाराणसी के विभिन्न सड़कों से होते हुए गुजरेगा। इस रोपवे पर 220 ट्रालियां चलेंगी। एक ट्राली में 10 लोग सवार होंगे। यानी एक बार में करीब 4500 लोग यात्रा कर सकेंगे। वहीं रोप-वे स्टेशन को ऐसे डिजाइन किया जाएगा कि पर्यटकों को दूर से ही काशी की कला-संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस प्रोजेक्ट में तेजी दिखाते हुए यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए 6 विभागों को 31 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। वहीं अब जमीन और घरों के अधिग्रहण और मुआवजा के आकलन का काम तेजी से किया जा रहा है।

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