क्या अफगान पुरुषों पर लागू होगा ड्रेस कोड, जींस पहनने पर ढाहा जुल्म, जानें

क्या अफगान पुरुषों पर लागू होगा ड्रेस कोड, जींस पहनने पर ढाहा जुल्म, जानें

file photo

काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबानी लड़ाके के अफगान नागरिकों पर जुल्म ढाह रहे है। सोशल मीडिया पर अफगान के कई नौवजवानों ने पोस्ट में अपनी पीड़ा बताई है। तमाम दावे के बावजूद तालिबान वहां के लोगों पर जुल्म करने से गुरेज नहीं कर रहा है। तालिबान लड़ाके पुरुषों के जींस पहनने पर बीच सड़क परकोड़े बरसा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ युवाओं ने पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया की उन्हें इस्लाम का अनादर करने के आरोप में मारा गया। बताया जा रहा है कि तालिबान अब पुरुषों पर भी ड्रेस कोड लागु करने की सोच रहा है और इस पर काम किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अफगान पुरुषों को पूरा शरीर ढकने वाला ड्रेस पहनने को कहा जाए,क्योंकि एक पत्रकार को पूरा शरीर ढकने वाले (अफगान पोशाक) गाउन नहीं पहनने पर पीटा गया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले लड़कों ने कहा कि उनके दो दोस्त घटनास्थल से भाग गए।  लेकिन उन्हें गन प्वाइंट पर रोक लिया गया और सड़क पर पटक दिया गया और कोड़े मारे गए।  तालिबान के एक अधिकारी ने स्थानीय समाचार पत्र एतिलाट्रोज को बताया कि संगठन अभी भी पुरुषों के लिए ड्रेस कोड पर फैसला कर रहा है ,लेकिन रिपोर्टों से पता चलता है कि तालिबान ‘पश्चिमी’ कपड़ों की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं है, जो पारंपरिक ‘अफगान पोशाक’ से हटकर हैं।
इस बीच, टेलीग्राफ ने बताया कि कीमतों में दो गुना वृद्धि के बीच अफगानिस्तान में बुर्के  के बिक्री में वृद्धि हुई है।
टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एतिलाट्रोज अखबार ने सप्ताहांत में यह भी बताया कि उसके एक पत्रकार को पूरे शरीर को ढकने वाले गाउन जैसे ‘अफगान कपड़े’ नहीं पहनने के लिए भी पीटा गया था। 90 के दशक के उत्तरार्ध में तालिबान के पिछले शासन के दौरान पुरुषों को पारंपरिक कपड़े पहनना पड़ता था, जबकि लड़कियों को आठ साल की उम्र से ही बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया जाता था। फिर भी अफगानिस्तान में युवा तालिबानी लड़ाकों को पश्चिमी चीजों को पहनते हुए देखा गया है।
इसमें धूप का चश्मा, बेसबॉल टोपी और जूते जैसी पश्चिमी चीजें शामिल हैं। गौरतलब है कि तालिबान के कब्जे के बाद से ही लोगों में डर का माहौल है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर भागने का प्रयास कर रहे हैं। इस वजह से लोग काबुल एयरपोर्ट के बाहर इकट्ठा हुए हैं।  जहां से उन्हें विमानों के जरिए दूसरे मुल्कों में भेजा जा रहा है।

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