29 C
Mumbai
Friday, September 20, 2024
होमदेश दुनियाखाद्यान्न संकट : G7 बनाम पुतिन के बीच भारत पर टिकीं दुनिया...

खाद्यान्न संकट : G7 बनाम पुतिन के बीच भारत पर टिकीं दुनिया की निगाहें !

गत माह बैठकों में दुनिया के सात सबसे अमीर देशों (जी7) की प्रतिक्रिया ज्यादातर निराशाजनक थी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूखमरी से लड़ रहे देशों के अनुरोध पर गेहूं केआपातकालीन शिपमेंट की आपूर्ति करने का वादा किया है|

Google News Follow

Related

दुनिया की लगभग 2.5 अरब आबादी पर इस समय भुखमरी का संकट मंडरा रहा है। गेहूं सहित अनाज की भारी कमी ने लाखों लोगों को, विशेष रूप से अफ्रीका में भुखमरी और कुपोषण के कगार पर ला दिया है। यह ऐसा संकट है जो उन्हें वर्षों तक पीड़ित कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र आने वाले महीनों में भयावह भूख और मौतों की चेतावनी देने के लिए जोर-जोर से खतरे की घंटी बजा रहा है, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है।

गत माह बैठकों में दुनिया के सात सबसे अमीर देशों (जी7) की प्रतिक्रिया ज्यादातर निराशाजनक थी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूखमरी से लड़ रहे देशों के अनुरोध पर गेहूं केआपातकालीन शिपमेंट की आपूर्ति करने का वादा किया है।

भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है, लेकिन अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने बताया कि 2020-21 में कुल वैश्विक गेहूं निर्यात में भारत का योगदान केवल 4.1 प्रतिशत था। दुनिया के सबसे बड़े गेहूं निर्यातक रूस, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, अर्जेंटीना, यूक्रेन, भारत और कजाकिस्तान हैं।

मोदी के प्रशासन द्वारा प्रचारित बेहतर नीतियों और मुक्त बाजारों के कारण पिछले एक दशक के दौरान भारतीय कृषि उत्पादकता में भारी वृद्धि हुई है। देश ने 2021-22 में 109.6 मीट्रिक टन (mt) गेहूं का उत्पादन किया, जिसमें से 8.2 मीट्रिक टन का निर्यात किया गया, जो 2020-21 में 2.6 मीट्रिक टन निर्यात से अधिक था।

यह भी पढ़ें-

रायगढ़ : शिव राज्याभिषेक के लिए उमड़ा जनसैलाब ​

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,379फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें