गंगा किनारे शवों को दफनाने वालीं तस्वीरों का सच,योगी ने किया ट्वीट

गंगा किनारे शवों को दफनाने वालीं तस्वीरों का सच,योगी ने किया ट्वीट

file photo

लखनऊ। कोरोना से अधिक अफवाहों ने लोगों में दहशत पैदा करने का काम किया। सोशल मीडिया पर लगातार ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो लोगों में डर पैदा कर रही हैं। सरकारों के प्रति आक्रोश जगाने का काम भी कर रही हैं। हाल में प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट की एक तस्वीर वायरल हुई।

इसमें कहा गया कि संक्रमण से इतनी अधिक मौतें हो रही हैं कि लोगों को श्मशान घाटों में जगह नहीं मिल रही और वे रेत में शव दबाकर जा रहे हैं। जबकि यह तस्वीर 2018 की है। तब लोगों ने कोरोना का नाम तक नहीं सुना था। पुरानी तस्वीर के जरिये अफवाह फैलाने को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 साल पुरानी अखबार की एक खबर ट्वीट की है। योगी ने लिखा-‘कोरोना नहीं था, फिर भी तीन साल पहले ऐसी ही थी गंगा किनारे की तस्वीर!’

कई हिंदू परिवारों में गंगा किनारे रेत में शवों को दफनाने की एक पुरानी परंपरा चली आ रही है। हालांकि इससे गंगा प्रदूषित होती है। इसे लेकर अब सरकार सख्त है। लेकिन पुरानी तस्वीर के जरिये सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उससे पर्दा जरूर उठ गया है। गौरतलब है कि इन दिनों योगी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी पुरानी तस्वीरें भी शेयर कर यूपी सरकार को निशाना बना रहे हैं।

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