नई दिल्ली। भारत युवा और गतिशील मंत्री तथा राज्यपाल चाहता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल के दो दिन बाद, जिसमें मोदी सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के साथ कई युवा नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया गया और पदोन्नत किया गया, आईएएनएस सी वोटर लाइव ट्रैकर ने खुलासा किया कि बड़ी संख्या में भारतीयों का मानना है कि एक युवा भारत को युवा राजनेता और एक युवा मंत्रिमंडल की जरूरत है। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 45.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने युवा और गतिशील राजनेताओं पर भरोसा किया, जबकि 41.5 प्रतिशत ने कहा कि भारत को बेहतर शासन के लिए युवा और अनुभवी नेताओं के संयोजन की आवश्यकता है। शेष उत्तरदाताओं को यकीन नहीं था कि क्या युवा राजनेता या सरकार में युवा और अनुभवी नेताओं का संयोजन देश को बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकता है। इसी सर्वेक्षण में, अधिकांश उत्तरदाताओं ने कहा कि युवा नेताओं की वर्तमान पीढ़ी में देश के राजनीतिक परि²श्य पर राष्ट्रीय नेताओं के रूप में उभरने की क्षमता है।
आईएएनएस सीवोटर लाइव ट्रैकर ने आगे खुलासा किया कि अधिकांश भारतीयों का मानना है कि सेवानिवृत्त राजनेता अच्छे राज्यपाल नहीं बनते हैं और सरकार को इन संवेधानिक पदों पर विभिन्न राज्यों में युवा और गतिशील नेताओं की नियुक्ति करनी चाहिए। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जबकि 51 प्रतिशत ने महसूस किया कि राजभवन के सेवानिवृत्त राजनेताओं की तुलना में युवा नेता राज्यपाल के पद के साथ न्याय कर पाएंगे, जबकि 37.6 प्रतिशत ने कहा कि युवा और अनुभवी राजनेताओं का एक संयोजन बेहतर विकल्प बन सकता है। शेष उत्तरदाताओं की इस मुद्दे पर कोई राय नहीं थी।
आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच चल रहे आमना-सामना के बीच आयोजित आईएएनएस सीवोटर लाइव ट्रैकर से पता चला कि अधिकांश भारतीयों का मानना है कि भारत को देश के कानूनों का पालन नहीं करने के लिए ट्विटर पर कार्रवाई करनी चाहिए।सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 70.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि भारत को भारतीय कानूनों का उल्लंघन करने के लिए सोशल मीडिया दिग्गज के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।