महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को कैंसर का खतरा

 भारत में कैंसर के  22 लाख से ज्यादा मरीज हैं,

महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को कैंसर का खतरा

दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण आज कैंसर है। आज हर 6 में से 1 मौत की वजह कैंसर से हो रही है। साल 2020 में लगभग 10 मिलियन मौत कैंसर के कारण हुई है। वहीं भारत में कैंसर मरीजों की बात करें तो अभी 22 लाख से ज्यादा कैंसर मरीज हैं, जो जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं।  इसमें विशेष रूप सेें स्तन , फेफड़े, कॉलन, मलाशय और प्रोस्टेट जैसे कैंसर शामिल हैं। आमतौर, पर सब जानते हैं कि कैंसर जानलेवा बीमारी होती है बावजूद लोग लापरवाही बरकरार रखते हुए स्वयं ही कैंसर को न्योता देते है।

जब कोशिकाएं पुरानी हो जाती हैं या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो वे मर जाती हैं और नई कोशिकाएं उनकी जगह ले लेती हैं। कभी-कभी यह व्यवस्थित प्रक्रिया टूट जाती है, और असामान्य या क्षतिग्रस्त कोशिकाएं खत्म होने की बजाय तेजी से बढ़ने लगती हैं। यही कोशिकाएं ट्यूमर बन जाती है और यही ट्यूमर कभी-कभी कैंसर का रूप ले लेता है।

आंकड़े बताते हैं कि हर दो में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होता है। कई कारक है जो कैंसर होने की संभावना को प्रभावित कर सकते हैं। जहां इनमें से कुछ कारकों को नियंत्रित किया जा सकता है, वहीं कुछ कारक नियंत्रण से बाहर होते हैं। ऐसा ही एक कारक है जेंडर। एक स्टडी में पाया गया है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में कैंसर के मामले अधिक है। पुरुषों में कैंसर का कारण मुख्य कारण धूम्रपान, शराब का उपयोग और अन्य जोखिम वाले कारकों से हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर के विकास का जोखिम 1.3 से 10.8 गुना अधिक होता है।

जीवनशैली कारक अभी भी किसी व्यक्ति के कैंसर के विकास के जोखिम को प्रभावित कर सकते हैं, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ पुरुषों और महिलाओं से स्वस्थ आहार बनाए रखने, नियमित रूप से व्यायाम करने, तंबाकू और शराब के सेवन से बचने या मध्यम सेवन करने की सलाह देते हैं। कैंसर का मुख्य लक्षण इस बात पर निर्भर करता हैं कि व्यक्ति में किस प्रकार का कैंसर विकसित हुआ  है। हालांकि, कुछ सामान्य संकेत हैं जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के लक्षण को प्रदर्शित करते हैं। ऐसे में किसी भी नए या चिंताजनक लक्षणों का ध्यान रखना और सुरक्षित रहने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

कैंसर के लक्षणों और संकेतों के तौर पर सूजन, सीने में दर्द, सांस फूलना, गांठ और नए तिल का बनना शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पष्ट वजन घटाना, पेट या पीठ का  दर्द, अपचन और दिल की धड़कन का तेज या धीमा होना भी शामिल है।

ये भी पढ़ें 

पेट में भारीपन होने पर इन घरेलू उपचार को आजमाएं, मिलेगा आराम     

Exit mobile version