भारतीय संस्कृति की यही खूबी है। भारत के देवी देवताओं के जीवन की घटनाओं से हर कोई शिक्षा ले सकता है। इस समय गणपति की खूब धूम है। हर घर भगवान गणेश विराजे हैं। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि उनसे जुड़ी कहानियों को अपने बच्चो को सुनाएं। भगवान गणेश की हाथी वाले सिर, बड़े बड़े कान और उनकी बड़ी तोंद हर बच्चों को भांति। उनकी सवारी चूहा के साथ बच्चों का खूब लगाव होता है। ऐसे में हर माता पिता को बप्पा की प्रेरक कहानियों को सुनाना चाहिए। तो आइये जानते है भगवान गणेश की कुछ प्रेरक कहानियां।
माता पिता के आदर सम्मान की बात करने वाली यह कहानी हर किसी के लिए प्रेरक है। एक बार भगवान गणेश और उनके बड़े भाई भगवान कार्तिक में एक शर्त लगी कि कौन पूरी दुनिया का चक्कर लगाकर सबसे पहले कैलाश लौटेगा। इसके बाद, भगवान गणेश और भगवान कार्तिक पूरी दुनिया का चक्कर लगाने निकलते हैं। लेकिन भगवान गणेश की सवारी चूहा होने से कितना दुरी तय करते। लेकिन उनके बड़े भाई कार्तिक के पास सवारी के लिए एक बड़ा पक्षी था। भगवान कार्तिक अपने सवारी के साथ उड़े तो भगवान गणेश अपनी सवारी चूहा के साथ अपने पिता भगवान शंकर और माता पार्वती का ही चक्कर लगा डाला। उनका कहना था कि हमारे माता पिता ही दुनिया हैं। इसलिए उन्होंने उन्हीं का चक्कर लगाया। और उन्होंने अपने बड़े भाई कार्तिक से शर्त जीत लिया।
भगवान गणेश सभी का सम्मान करना सिखाते हैं। इस दुनिया में कोई बड़ा छोटा नहीं होता है। उनकी सवारी चूहा है लेकिन उन्होंने उसे हमेशा सम्मान दिया। इसलिए हमें भी अपने बच्चों को हर किसी का सम्मान और आदर करने की बात बतानी चाहिए।
भगवान गणेश की शरीर को लेकर असुरों ने कई बार उनका मजाक उड़ाया था। लेकिन उन्होंने कभी अपना धैर्य नहीं खोया। लेकिन उन्होंने असुरों से हमेशा डटकर लड़ा। भगवान गणेश की इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी हमें अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए। सभी को याद रखना चाहिए कई मौकों लोग सामने वाले कम आंकते है लेकिन उसका हमें डटकर मुकाबला करना चाहिए।
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