मुंबई। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने आखिरकार भाजपा नेता किरीट सोमैया के दावे पर मुहर लगा दी है। मंत्री ने शुक्रवार को माना कि जिला परिषद के आयकर रिटर्न भरने के लिए जयोस्तुते प्राइवेट कंपनी को दिया गया 1500 करोड़ का ठेका रद्द कर दिया है। हालांकि मंत्री ने कहा कि इस कंपनी से उनके दामाद मतीन मंगोली का कोई संबंध नहीं है।
इसके पहले पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने मुश्रीफ पर अपने दामाद की कंपनी को 1500 करोड़ का ठेका देने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से इसकी शिकायत की थी। मुश्रीफ ने कहा कि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की मांग के अनुसार जारी टेंडर में जयोस्तुते प्राइवेट कंपनी को ठेका आवंटित हुआ था। लेकिन अब जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों को खुद ही टीडीसी और आयकर रिटर्न भरने की जवाबदेही सौंपी गई है। इसलिए ग्रामीण विकास विभाग ने जयोस्तुते कंपनी को आवंटित ठेके को रद्द कर दिया है। मुश्रीफ ने कहा कि सोमैया के आरोप लगाने से पहले ही कंपनी का ठेका रद्द कर दिया गया था।