मुंबई। जुलाई माह के मध्य में हुई मूसलाधार बारिश से राज्य के कुछ जिलों में भीषण बाढ़ आने की वजह से आम नागरिकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। 22-23 जुलाई को आई इस बाढ़ के कहर से पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले बुरी तरह प्रभावित हुए। वैसे,कोंकणवासी लगातार बीते तीन वर्षों से भारी बारिश, तूफान,चक्रवाती तूफान व बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं।
6 जिलों में 197 लोगों की मौत: इस बार बादल फटने से मुंबई समेत बाकी 6 जिलों में करीब 197 लोगों की मौत हो गई। प्रभावित जिलों में 5310.78 हेक्टेयर खेतिहर फसलों व फलों की भी खासा तबाही हुई है। राज्य सरकार ने पीड़ितों को 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।
सरकारी मदद के इंतजार में हैं पीड़ित: पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के करीब 1210 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 482 गांव रत्नागिरी जिले के हैं। साथ ही, पालघर में 396 गांव, रायगढ़ में 285 गांव और सिंधुदुर्ग में 47 गांव जलमग्न हो गए। बाढ़ के इस कहर में सड़कें, गांव, खेत, घर और कई मवेशी भी बह गए और कई गांव भूस्खलन में दब गए। अनेक गांवों में मकान, स्कूल और सरकारी इमारतें ढह गईं। कई गांवों में बिजली के खंबे गिर गए, बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए।
पीड़ितों का ध्यान अब राज्य सरकार द्वारा घोषित आर्थिक सहायता पर केंद्रित है। कोंकण आयुक्त विलास पाटिल ने सभी जिला निकायों को प्रलयंकारी बारिश के कहर से हुई क्षति का युद्धस्तर पर पंचनामा करने का आदेश दिया है।