शुक्रवार (11 जुलाई)को भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुखद क्रैश पर अपनी 15-पृष्ठीय प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की। अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की यह फ्लाइट टेकऑफ के 98 सेकंड के भीतर रनवे से कुछ ही दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई और केवल एक व्यक्ति बच पाया।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के दौरान विमान की गति 180 नॉट्स तक पहुंच गई थी, तभी कॉकपिट में मौजूद दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच एक-एक सेकंड के अंतर से “RUN” से “CUTOFF” की स्थिति में ट्रांसिशन कर दिए गए। इसका मतलब था कि दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई। इससे विमान की पावर अचानक बंद हो गई। रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की जानकारी के हवाले से बताया गया है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने कटऑफ क्यों किया?” दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।
सीएनएन ने विमान सुरक्षा विश्लेषक डेविड सूसी (David Soucie) के हवाले से बताया कि बोइंग 787 में लगे ईंधन कटऑफ स्विच “इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि उन्हें केवल जानबूझकर ही बदला जा सकता है।” उन्होंने कहा, “इन स्विचों को वर्षों में लगातार अपग्रेड किया गया है ताकि वे न गलती से मूव हो सकें और न ही अपने आप। इसमें लॉकिंग मैकेनिज्म होता है जो अनचाही हलचल से उन्हें सुरक्षित करता है।”
एयरपोर्ट की निगरानी फुटेज में देखा गया कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद Ram Air Turbine (RAT) भी एक्टिव हो गया, जो कि आपातकालीन पावर सप्लाई के लिए डिजाइन किया गया है। RAT का सक्रिय होना इस बात का संकेत है कि विमान ने अचानक अपनी पावर खो दी थी। जैसे ही ईंधन स्विच वापस सही स्थिति में लाए गए और इंजन दोबारा स्टार्ट हो रहे थे, तब तक विमान पहले ही रनवे की सीमा पार कर चुका था और ऊंचाई खोकर क्रैश हो गया।
एयर इंडिया ने इस रिपोर्ट को स्वीकारते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। एयरलाइन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “AI171 दुर्घटना से प्रभावित परिवारों के साथ हम एकजुट हैं। हम इस कठिन समय में हर संभव सहायता देने और जांच में पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट ने इस त्रासदी के पीछे तकनीकी कारणों को कम और मानव हस्तक्षेप या संभावित लापरवाही को अधिक संभावित माना है। स्विच की स्थिति, उनका डिजाइन और लॉकिंग मैकेनिज्म इस बात को मजबूत करते हैं कि गलती से उन्हें मूव कर देना लगभग असंभव था।
अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि स्विच जानबूझकर बदले गए थे या इसमें कोई तकनीकी गड़बड़ी हुई थी। जांच जारी है और अगले कुछ हफ्तों में इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है। यह हादसा न सिर्फ भारतीय विमानन के लिए एक गहरा झटका है, बल्कि बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमानों की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाता है।
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