केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने एयर इंडिया एआई 171 विमान दुर्घटना की जांच को लेकर उठी आशंकाओं को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया “पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और बिना किसी बाहरी दबाव के” की जा रही है। मंत्री नायडू ने मंगलवार (7 अक्तूबर)को इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में कहा, “इस जांच में किसी तरह की हेराफेरी या ‘डर्टी बिजनेस’ नहीं हो रहा है। यह बहुत साफ-सुथरे और गहन तरीके से चल रही जांच है।”
नायडू ने बताया कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) विमान हादसों की जांच के लिए अधिकृत संस्था है, और यह केवल तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालती है। उन्होंने कहा, “एएआईबी एक स्वतंत्र एजेंसी है। इसकी जांच प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। यह किसी व्यक्ति या संस्था के प्रभाव में नहीं आती।”
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट केवल ज्ञात तथ्यों को सामने लाती है और इसे अंतिम निष्कर्ष नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, “यह अभी बहुत जल्दबाजी होगी अगर हम प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर कोई राय बना लें। एएआईबी ने जो रिपोर्ट जारी की है, वह केवल प्रारंभिक तथ्य हैं। सही निष्कर्ष के लिए हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।”
यह बयान उस समय आया है जब एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA इंडिया) ने एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट को लेकर गंभीर आपत्तियां जताई हैं। एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट जल्दबाजी में तैयार की गई और उस पर “ऊपरी दबाव” का असर दिखता है। एएलपीए ने यह भी कहा कि रिपोर्ट की भाषा “अस्पष्ट” है, जिससे “अनावश्यक अटकलें” लगाई जा रही हैं।
एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तीन सेकंड बाद एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई अचानक बंद हो गई। फ्यूल कंट्रोल स्विच “RUN” से “CUTOFF” स्थिति में चला गया। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह तकनीकी गलती थी या मानव त्रुटि। कॉकपिट ऑडियो में एक पायलट को यह कहते सुना गया, “तुमने फ्यूल क्यों काटा?”, जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।” इस भीषण हादसे में 260 लोगों की मौत हुई, जिनमें दोनों पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल (56) और को-पायलट क्लाइव कुंदर (32) भी शामिल थे।
एएआईबी ने एएलपीए के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा कानूनों के तहत पायलट एसोसिएशन जांच का औपचारिक हिस्सा नहीं बन सकती, हालांकि विशेषज्ञ राय के तौर पर उनसे परामर्श लिया जा सकता है। मंत्री नायडू ने दोहराया, “हमारे नियमों के अनुसार जांच हो रही है। इसमें कोई गड़बड़ या छिपी हुई बात नहीं है। यह एक साफ, व्यवस्थित और निष्पक्ष प्रक्रिया है, और हम इस प्रतिबद्धता को अंत तक बनाए रखेंगे।”
एयर इंडिया एआई 171 हादसा देश के सबसे गंभीर विमान दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है, और इसकी अंतिम रिपोर्ट का देशभर में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
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