मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश में ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझा और इसके लिए उन्होंने गुजरात में अलग से एक मंत्रालय बनाया था। शुक्रवार को उन्होंने नांदेड में कहा कि सीआरपीएफ के बिना देश की आंतरिक सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, जिसके 2,000 से अधिक जवानों ने देश के लिए अब तक अपना बलिदान दिया है।
शाह नांदेड़ जिले के मुदखेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रशिक्षण मैदान में पौधारोपण करने के बाद बोल रहे थे। शाह द्वारा पौधारोपण किए जाने के साथ ही इस सुरक्षा एजेंसी ने देश में एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया। गृह मंत्री ने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने सबसे पहले जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझा और इसका संस्थागत प्रबंधन सुनिश्चित किया।
कई मुख्यमंत्री सड़कों के निर्माण, शिक्षा सुविधाओं और पेयजल योजनाओं को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन मोदी ने जलवायु परिवर्तन और पौधे लगाने पर भी काम किया। शाह ने कहा-यदि हमें प्रकृति और कार्बन उत्सर्जन के बीच संतुलन रखना है तो पौधारोपण ही इसका एकमात्र उपाय है। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने पहली बार जलवायु परिवर्तन को लेकर अलग से एक मंत्रालय बनाया था।’’ वैश्विक तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन को शत्रु बताते हुए शाह ने कहा, ‘‘हमें पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी है।’’
सीआरपीएफ के 2 हजार जवानों ने दिया बलिदान
शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के 200 जवानों ने अपना बलिदान दिया है। जब कोई विकल्प नहीं था तो सीआरपीएफ ने भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा की। बाद में, इसकी भूमिका बदल गई और इसने आंतरिक सुरक्षा, दंगों, पूर्वोत्तर तथा कश्मीर की स्थिति से निपटने में भूमिका निभाई है। सीआरपीएफ ने इन सभी भूमिकाओं को अच्छी तरह अंजाम दिया है।’’ गृह मंत्री ने बल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि 3.25 लाख कर्मियों का यह बल सभी उम्मीदों पर खरा उतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीएफ के बिना, देश की आंतरिक सुरक्षा असंभव है।’’