नई दिल्ली। अपने आंदोलन से कांग्रेस सरकार की चूल्हे हिलने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अब मंदिर पर राजनीति करने पर हमला बोला है। ठाकरे सरकार पर मंदिर नहीं खोलने पर सवाल किया है। उन्होंने ठाकरे सरकार से पूछा है कि अगर राज्य में बार खुल सकते हैं तो मंदिर क्यों नहीं। हजारे ने लोगों से अपील की है कि लोग सड़क पर आकर इस मुद्दे पर आंदोलन करें।
हजारे की यह मांग ऐसे वक्त पर आई, जब एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने तीसरी लहर के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर दही हांडी और गणपति जैसे उत्सवों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना के चलते राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को नागरिकों के लिए खोलने की अनुमति नहीं दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या पिछले एक महीने में कम हुई है। लेकिन महाराष्ट्र के कुछ जिले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। भूषण ने कहा, ‘इस आदेश के जरिए सुझाव दिया जाता है कि महाराष्ट्र में आगामी त्योहारों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों तथा लोगों के इकट्ठा होने के मद्देनजर (जिनमें दही हांडी और गणपति महोत्सव शामिल है) राज्य सरकार स्थानीय तौर पर पाबंदी लगाए। बता दें कि अन्ना हजारे ने
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या पिछले एक महीने में कम हुई है। लेकिन महाराष्ट्र के कुछ जिले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। भूषण ने कहा, ‘इस आदेश के जरिए सुझाव दिया जाता है कि महाराष्ट्र में आगामी त्योहारों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों तथा लोगों के इकट्ठा होने के मद्देनजर (जिनमें दही हांडी और गणपति महोत्सव शामिल है) राज्य सरकार स्थानीय तौर पर पाबंदी लगाए। बता दें कि अन्ना हजारे ने
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया था। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। उनके इस आंदोलन में पूरा देश उमड़ पड़ा था। उसी आंदोलन से अरविन्द केजरीवाल,मनीष सिसोदिया आदि नेता निकले हैं और आम आदमी पार्टी बनाई है ।