मुंबई। पांच बार समन जारी करने के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश न होने वला राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ ईडी ने विशेष अदालत में याचिका दाखिल की है। ईडी ने कहा है कि बार-बार समन जारी होने के बावजूद देशमुख का जांच एजेंसी के सामने पेश न होना लोकसेवक के आदेश का अपमान है। ईडी विशेष अदालत में याचिका दायर की है और देशमुख के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 174 (लोक सेवक के आदेश का पालन न करते हुए अनुपस्थित रहना) के तहत कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया है। इस धारा के तहत दोषी को एक महीने कारावास की सजा मिल सकती है या पांच सौ रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों ही सजाएं मिल सकती हैं। जांच एजेंसी ने देशमुख के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में उन्हें कई समन जारी किए थे, लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता उसके सामने अब तक पेश नहीं हुए हैं। इस मामले में देशमुख के दो सहयोगियों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया गया है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इन दोनों के अलावा जांच एजेंसी ने हाल में दायर अपने आरोप पत्र में मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाझे को भी आरोपी बनाया है। आरोप पत्र में हालांकि देशमुख या उनके परिवार के सदस्यों का नाम शामिल नहीं किया गया है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने राकांपा नेता के खिलाफ 21 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की थी। इसके पश्चात प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच आरंभ की थी। सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने तत्कालीन पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से शहर के होटलों और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था। देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है।