नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कथावाचक आसाराम और ‘संत श्री आसारामजी आश्रम चैरीटेबल ट्रस्ट’ ने ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजकर आरोप लगाया है कि इस फिल्म का ट्रेलर ‘‘बहुत आपत्तिजनक और मानहानिकारक’’ है।
मनोज बाजपेयी अभिनीत इस फिल्म में एक वकील की कहानी दिखाई गई है, जो एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोपी एवं प्रभावशाली स्वयंभू बाबा के खिलाफ खड़ा होता है। फिल्म का ट्रेलर आठ मई को रिलीज किया गया थ। आसाराम अपने ‘गुरुकुल’ की एक नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 2018 से केंद्रीय कारागार जोधपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
फिल्म निर्माता आसिफ शेख ने उन्हें नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए मंगलवार देर रात कहा कि यह फिल्म पीड़िता के वकील पी सी सोलंकी के जीवन पर आधारित है। शेख ने एक बयान में कहा, ‘‘ ‘संत श्री आसारामजी आश्रम चैरीटेबल ट्रस्ट’ से फिल्म निर्माता ‘आसिफ शेख बैनर प्रैक्टिकल प्रोडक्शन’ को मनोज बाजपेयी अभिनीत ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ के लिए नोटिस मिला है। यह फिल्म सत्य घटनाओं से प्रेरित ‘अदालती कक्ष वाला ड्रामा’ है।
कानून विशेषज्ञों का मेरा दल कानूनी नोटिस का जवाब देगा। हमें पी सी सोलंकी के जीवन पर आधारित फिल्म बनाने के अधिकार प्राप्त किए हैं और यह फिल्म उनके जीवन पर आधारित है।’’ आसाराम और ट्रस्ट की ओर से कानूनी नोटिस वकीलों सत्य प्रकाश शर्मा और विपुल सिंघवी ने भेजा है। इस नोटिस में इस हिंदी फिल्म की ‘रिलीज/इसके प्रचार के खिलाफ निर्देश और निषेधाज्ञा दिए जाने’’ की मांग की गई है। सिंघवी ने बताया कि फिल्म निर्माताओं को जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
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