महाराष्ट्र बंद: आशीष शेलार का MVAपर हमला, डिब्बावालों का विरोध 

महाराष्ट्र बंद: आशीष शेलार का MVAपर हमला, डिब्बावालों का विरोध 

मुंबई। महाराष्ट्र बंद में खबरों की माने तो अभी तक कोई असर नहीं दिख रहा है। वहीं बेस्ट की आठ बसों में को नुकसान पहुंचाने की खबर। जबकि मुंबई लोकल रोज की तरह ही चल रही है। इधर, डिब्बावालों ने बंद का कड़ा विरोध करते हुए अपना कामकाज जारी रखें हैं। बता दें कि महाराष्ट्र विकास अगाड़ी (एमवीए) ने यह राज्यव्यापी बंद बुलाया है। जिसका बीजेपी और व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। बीजेपी नेता आशीष शेलार ने ट्वीट कर शिवसेना पर हमला बोला है।

शिवसेना विकास विरोधी: शेलार
खबर यह भी है कि रात में मुंबई में BEST की 8 बसों में तोड़फोड़ भी की गई थी। BEST के प्रवक्ता ने कहा कि हमने हमलों के मद्देनजर सरकार से पुलिस सुरक्षा की मांग की है। वहीं,  भाजपा ने बंद का विरोध करते हुए कहा कि शिवसेना ने हमेशा ही विकास का विरोध किया है। भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा, ‘शिवसेना ने हमेशा विकास का विरोध किया है। उन्होंने 1980 में मिलों में हड़ताल का भी अप्रत्यक्ष तौर पर समर्थन किया था। इसके अलावा नवी मुंबई, सिंधुदुर्ग में हवाई अड्डों और तटीय मार्गों का भी विरोध किया था।’
मनसे ने भी बंद का किया विरोध: इस महाराष्ट्र बंद का रविवार दोपहर तक पुणे -मुंबई-ठाणे के व्यापारियों ने विरोध किया। व्यापारियों ने तय किया कि सोमवार को वे दुकानें खुली रखेंगे। मुंबई व्यापारी संघ की ओर से वीरेन शाह ने कहा कि ‘वे किसानों के दु:ख-दर्द को समझते हैं, उनका समर्थन करते हैं, उनसे सहानुभूति रखते हैं ,लेकिन इस बंद में व्यापारियों को ना घसीटा जाए।’ नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारी संघ ने दुकानें खोलने का ऐलान किया है। मुंबई के डब्बावालों ने भी बंद का विरोध करने का फैसला किया है। वे किसानों के समर्थन में काली पट्टी लगाएंगे, लेकिन बंद के विरोध में अपना काम-धंधा भी चलाएंगे,राज ठाकरे की पार्टी मनसे के सिने विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने भी बंद का विरोध करते हुए कहा है कि, ‘राजनीतिक दलों की शुरू रहने दो राजनीति, लेकिन फिल्मों की शूटिंग बंद नहीं रहेगी।’ उनका कहना है कि हम किसानों का समर्थन करते हैं ,लेकिन शूटिंग बंद रखने का आर्थिक बोझ उठाना अब फिल्म उद्योग के कर्मचारियों के लिए असहनीय है।
व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े: पुणे जिला रिटेल संघ के अध्यक्ष सचिन निवंगुणे ने ऐलान किया कि, ‘कोरोना की वजह से चरमराई आर्थिक स्थिति अभी संभलनी शुरू ही हुई है।  ऐसे में दुकानें बंद रखने की स्थिति में हम नहीं हैं। किसानों के समर्थन के लिए हम इतना जरूर करेंगे कि काले फीते की पट्टी लगाएंगे लेकिन दुकानें भी चलाएंगे। नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारियों ने भी घोषणा कर दी है कि वे पर्व-त्योहारों के वक्त दुकानें बंद करने का समर्थन नहीं कर सकते। इसलिए नागपुर और औरंगाबाद में भी व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं।  वही, बीजेपी ने बंद का विरोध जताया है। जहां देवेंद्र फडणवीस ने लखीमपुर घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है तो बीजेपी विधायक नितेश राणे ने जबरदस्ती बंद पर चेतावनी दी।
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