शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट के दावे पर सोमवार को भी फैसला नहीं हो पाया। अब इस मामले की सुनवाई जनवरी में होगी। वहीं दोनों गुटों ने इस मामले चुनाव आयोग से और समय कि मांग की है। जिसके बाद चुनाव आयोग इस मामले की सुनवाई अगले साल तक के लिए बढ़ा दिया। कहा जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई निर्णायक चरण में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि इस मामले में चुनाव आयोग ने नवंबर में सुनवाई हुई थी। जिसमें सुनवाई के बाद आयोग ने दोनों गुटों को कहा था, अगर उनके पास कोई अन्य बयान या दस्तावेज है उसे 9 दिसम्बर तक आयोग के सामने प्रस्तुत करें। नवंबर के शुरुआत में भी आयोग ने कहा था कि अगर दोनों धड़ों अपने पक्ष में जो दस्तावेज या अन्य चीजे उसको जमा करें। इतना ही नहीं आयोग ने दोनों गुटों से यह भी कहा था कि इसे वे एक दूसरे को भी शेयर करें।
बता दें कि अक्टूबर में आयोग ने इस मामले में अपने आंतरिक आदेश में पार्टी का नाम और चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दिया था। इसके बाद आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे और शिंदे गुट को बलासाहेबंची शिवसेना नाम दिया था। आयोग ने कहा था विवाद खत्म होने तक आंतरिक आदेश जारी रहेंगे ।
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