दिल्ली विश्वविद्यालय की 19 वर्षीय छात्रा स्नेहा देबनाथ छह दिन से लापता थी, उसका शव रविवार (13 जुलाई) की शाम को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास यमुना नदी से बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार, स्नेहा ने एक हस्तलिखित नोट छोड़ा था जिसमें सिग्नेचर ब्रिज से छलांग लगाने की बात कही गई थी। स्नेहा दक्षिणी दिल्ली के पर्यावरण कॉम्प्लेक्स में रहती थीं और त्रिपुरा की रहने वाली थीं। वह 7 जुलाई से लापता थीं।
दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया, “कैब ड्राइवर ने पुष्टि की कि उसने स्नेहा को सिग्नेचर ब्रिज पर छोड़ा था। तकनीकी निगरानी से भी उनकी आखिरी लोकेशन यही पाई गई। चश्मदीदों ने भी एक लड़की को पुल पर खड़ा देखा था।” इसके बाद एनडीआरएफ और लोकल पुलिस ने निगम बोध घाट से नोएडा तक संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया। रविवार को एक महिला का शव गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे पानी में मिला, जिसे स्नेहा के परिजनों ने पहचान लिया।
Delhi: The cab driver who drove 19-year-old Sneha Debnath to Signature Bridge, as her family suggested she intended to jump from there, says, "…Just before we were about to reach, she got a call. I don’t know what was said, but it happened about five minutes before I dropped… pic.twitter.com/YSfPpVetmP
— IANS (@ians_india) July 13, 2025
स्नेहा के दोस्तों और परिवार ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एक दोस्त ने बताया कि “सिग्नेचर ब्रिज और उसके आसपास का कोई भी CCTV कैमरा काम नहीं कर रहा था। यह इलाका आत्महत्या के लिए कुख्यात है, फिर भी निगरानी व्यवस्था ध्वस्त है।”
परिवार ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए कहा, “ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में CCTV कैमरे काम नहीं कर रहे, यह स्वीकार्य है। वीडियो फुटेज ही एकमात्र ठोस सबूत होता, लेकिन हमारे पास कुछ नहीं। ये सिर्फ स्नेहा की बात नहीं, हर छात्र और नागरिक की सुरक्षा का सवाल है। हम दिल्ली पुलिस और सरकार से जवाबदेही की मांग करते हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिग्नेचर ब्रिज 4–5 पुलिस थानों की सीमा में आता है, जिससे जिम्मेदारी बंट जाती है और समन्वय में भारी कमी रहती है।
स्नेहा की मां से आखिरी बातचीत 7 जुलाई सुबह 5:56 बजे हुई थी। उन्होंने बताया, “स्नेहा ने कहा था कि वह सवाई रोहिल्ला स्टेशन जा रही है एक दोस्त पिटुनिया से मिलने। लेकिन बाद में पिटुनिया ने बताया कि उनकी मुलाकात नहीं हुई।” इसके बाद स्नेहा का फोन तीन घंटे से अधिक समय तक बंद रहा। तब से लेकर शव मिलने तक परिवार ने सोशल मीडिया और वेब डैशबोर्ड की मदद से लगातार जानकारी जुटाने की कोशिश की।
परिवार के अनुसार, स्नेहा ने पिछले चार महीनों से खाते से कोई लेन-देन नहीं किया था और 7 जुलाई को घर से बिना सामान के निकल गई थीं। उनके पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर लेफ्टिनेंट पृथीश देबनाथ हैं, जो लंबे समय से गंभीर किडनी फेलियर से पीड़ित हैं और डायलिसिस पर हैं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी X पर दिल्ली पुलिस को स्नेहा को जल्द से जल्द ढूंढ़ने के निर्देश दिए थे। उन्होंने लिखा था कि स्नेहा त्रिपुरा के सबरूम की रहने वाली थी।
রাজ্যের নিখোঁজ ছাত্রী স্নেহা দেবনাথের মৃতদেহ দিল্লির যমুনা নদী থেকে উদ্ধার হয়েছে। ঘটনাটি অত্যন্ত দুঃখজনক ও হৃদয়বিদারক।
ত্রিপুরা পুলিশ ও দিল্লি পুলিশ প্রশাসনের সহযোগিতায় তদন্ত ত্বরান্বিত হয়, যার ফলস্বরূপ মৃতদেহ শনাক্ত ও উদ্ধার সম্ভব হয়েছে।
— CMO Tripura (@tripura_cmo) July 13, 2025
स्नेहा देबनाथ की रहस्यमयी मौत के बाद उनके परिवार ने प्रशासन से चार अहम मांगें की हैं। पहली मांग है कि सिग्नेचर ब्रिज पर तत्काल प्रभाव से सभी CCTV कैमरे चालू किए जाएं। परिवार का कहना है कि यह इलाका आत्महत्या के लिए कुख्यात है, लेकिन वहां निगरानी की कोई विश्वसनीय व्यवस्था नहीं है, जो न केवल स्नेहा के केस में बाधा बनी, बल्कि भविष्य में भी खतरनाक साबित हो सकती है।
दूसरी मांग है कि पुल क्षेत्र की स्पष्ट पुलिस सीमा तय की जाए। फिलहाल सिग्नेचर ब्रिज चार से पांच अलग-अलग पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिससे जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती और समन्वय में भारी गड़बड़ी होती है। तीसरी मांग के तहत परिवार ने सिग्नेचर ब्रिज समेत पूरे दिल्ली की CCTV व्यवस्था की सार्वजनिक ऑडिट करवाने की मांग की है, ताकि यह पता चल सके कि किन इलाकों में निगरानी तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है।

अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए। परिवार ने आरोप लगाया है कि शुरुआत में पुलिस की प्रतिक्रिया सुस्त रही और अगर जांच में पारदर्शिता और तत्परता दिखाई जाती, तो शायद कुछ सुराग पहले ही मिल सकते थे।
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