हां, मैं डंके की चोट कहता हूं कि देखी ‘द कश्मीर फाइल्स’  

हां, मैं डंके की चोट कहता हूं कि देखी ‘द कश्मीर फाइल्स’  

file photo

कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म का जहां भाजपा समर्थन कर रही है ,वहीं दूसरी ओर ठाकरे सरकार लगातार इस फिल्म का विरोध कर रही। बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हां, मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं कि कल मैंने ‘द कश्मीर फाइल्स ‘ फिल्म देखी। जिसे इस पर आपत्ति हो वह बाहर जाकर इस पर बात करे। इस पर जल संसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा कि सिर्फ 17 करोड़ रुपए खर्च से बनी इस फिल्म ने 150 करोड़ से ज्यादा कमाई की है, ऐसे में निर्माता को इसकी कमाई विस्थापित कश्मीरी पंडितों के घर बनाने के लिए दान कर देनी चाहिए।

इस दौरान मंत्री पाटील फिल्म समीक्षक भी बन गए और कहा कि मैंने भी यह फिल्म देखी है। इंटरवल के बाद यह फिल्म बोरिंग है। दरअसल मंगलवार शाम पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह ने विधान भवन के बगल के थियेटर में इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी थी। इस दौरान फडणीस सहित भाजपा के कई विधायक फिल्म देखने गए थे। मामला तब शुरू हुआ जब बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष को सत्तापक्ष के मुकाबले काफी कम समय दिया गया।

इस पर जयंत पाटील ने कहा कि चर्चा के दौरान हाजिर सभी सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया। लेकिन विपक्ष के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। तालिका अध्यक्ष संजय शिरसाट ने कहा कि आगे इस बात का खयाल रखा जाए कि नियमों के मुताबिक सत्ता पक्ष और विपक्ष को आधा-आधा समय दिया जाए।

इस दौरान पाटील ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के लिए राज्य के विकास पर चर्चा से ज्यादा से फिल्म देखना अहम लगा। सदन में बैठ कर टीका टिप्पणी कर रहे विपक्षी सदस्यों पर भी उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि विपक्षी सदस्यों के भाषण के दौरान वे नहीं बोलते। यह ठीक नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो सत्ता पक्ष के सदस्य भी विपक्षी नेताओं के बोलने के दौरान टीका टिप्पणी करेंगे।

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