MVA में चरम पर कलह, पवार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर रोक, जाने फिर क्या हुआ ? 

MVA में चरम पर कलह, पवार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर रोक, जाने फिर क्या हुआ ? 

मुंबई। फ़िलहाल तो महाराष्ट्र की राजनीति पर नजर डाले तो लग रहा है तीन पहिये की महाविकास आघाडी (MVA) सरकार लड़खड़ा रही है, और इसमें से बेढंग की आवाजें निकलने लगी हैं। शिवसेना और एनसीपी में भी कलह की खबर है।राकांपा नेता व आवास निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कैंसर के मरीजों व उनके परिजनों को रहने के लिए महाराष्ट्र गृहनिर्माण एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) का 100 फ्लैट टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को स्थानांतरित किया था, लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे ने इस पर रिपोर्ट तलब की है और इस पर योजना को स्थगित कर दिया। हालांकि, जब इस मामले से जुड़ी खबरें मीडिया में आई तो सीएम ठाकरे ने यू-टर्न ले लिया और 24 घंटे में ही टाटा मेमोरियल अस्पताल को बॉम्बे डाइंग की जमीन देने का निर्णय लिया। वहीं, भाजपा नेता व विधायक अतुल भातखलकर ने इस प्रोजेक्ट पर उद्धव ठाकरे द्वारा रोक लगाए जाने पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता संघर्ष में इंसानियत की बलि ले ली गई। टाटा हॉस्पिटल को गरीब कैंसर पीड़ितों के लिए दिए गए घर पर रोक लगाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह जताने की कोशिश की है कि उनकी नजर में शरद पवार की क्या अहमियत है। वहीं ,राजनीतिक गलियारों में तीनों पार्टियों में आपसी संघर्ष चरम पर पहुंचने की बात कही जा रही है।
यह है मामला: बता दें कि कुछ दिनों पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार की उपस्थिति में राकांपा नेता व आवास निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कैंसर के मरीजों व उनके परिजनों को रहने के लिए महाराष्ट्र गृहनिर्माण एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) का 100 फ्लैट टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को स्थानांतरित किया था। परेल के लालबाग में हाजी कासम चॉल पुनर्विकास योजना के तहत 300 वर्ग फुट के फ्लैट 1 रुपए प्रतिवर्ष के नाममात्र दर पर 30 साल के लिए दिए गए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ठाकरे ने इस योजना पर रोक लगाते हुए इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। शिवसेना विधायक अजय चौधरी ने कैंसर रोगियों के लिए फ्लैट देने पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि टाटा हॉस्पिटल को जो फ्लैट दिए गए हैं ,उसमें कैंसर मरीजों को रखे जाने पर स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है। इसलिए फ्लैट के बजाये भोईवाड़ा इलाके में पूरी इमारत दी जाए। चौधरी ने कहा कि चार साल पहले उनकी पत्नी की कैंसर से मौत हुई थी। उन्होंने पत्नी के नाम एक न्यास बनाया है जिसके जरिए मरीजों की मदद की जाती है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस निर्णय पर  भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता संघर्ष में इंसानियत की बलि ले ली गई। टाटा हॉस्पिटल को गरीब कैंसर पीड़ितों के लिए दिए गए घर पर रोक लगाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह जताने की कोशिश की है कि उनकी नजर में शरद पवार की क्या अहमियत है। ठाकरे ने निर्णय पर रोक लगाकर यह बताया है कि राज्य में असली बॉस वही हैं। बता दें कि इस अस्पताल में हजारों मरीज कैंसर का इलाज करने कराने लिए आते हैं। उनके साथ आये रिश्तेदारों को फुटपाथ पर रहना पड़ता है।

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