प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि पोस्टिंग लिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों और अधिकारियों के नामों की सूची तैयार की थी। साथ ही यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे 16 साल से निलंबित थे, बहाली कराने में देशमुख की मुख्य भूमिका थी।
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि सचिन वाजे वसूली के दौरान होटल व्यवसायी बार मालिकों को परेशान करता था। इतना ही नहीं वाजे ने कोरोना संकट के दौरान उन्हें 2 से तीन लाख रूपये देने के लिए दबाव बनाता था। चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि वाजे ने आर्केस्टा बार मालिकों से 4.70 करोड़ की वसूली की थी। इस वसूली में देशमुख के निजी सचिव कुंदन शिंदे भी सहयोग किया। बता दें कि अनिल देशमुख भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोप में जांच के घेरे में है और फिलहाल जेल में बंद हैं।
वहीं, ईडी के जांच में खुलासा हुआ कि अनिल देशमुख ने 16 साल से निलंबित चल रहे सचिन वाजे की बहाली में अहम भूमिका निभाई थी। सहायक पुलिस निरीक्षक रहे वाजे को मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) का प्रमुख बनाया गया। उसके जरिए कथित तौर पर जबरन वसूली करने के लिए उसे कई सनसनीखेज केसों जांच के लिए सौंपा गया था।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि अनिल अनिल देशमुख विभिन्न मामलों की जानकारी लेने और निर्देश देने के लिए वाजे को नियमित रूप से अपने सरकारी आवास पर बुलाते थे। बता दें कि ईडी ने पिछले साल दिसंबर में 7000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने अनिल देशमुख के अलावा उनके दो बेटों को भी आरोपी बनाया है।
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