मुंबई। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी द्वारा जल्द ही उप मुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ इनकम टैक्स द्वारा बेनामी एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को आधार बनाते हुए ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक नया मामला दर्ज कर सकती है। इनकम टैक्स इस मामले को टेकओवर कर सकती है। ईडी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इनकम टैक्स विभाग को एक औपचारिक तौर पत्र भेजकर उसके द्वारा की गई कार्रवाई से संबंधित तमाम दस्तावेज और सबूतों के बारे में जानकारी मांगी जाएगी। उसके बाद तमाम दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर आगे की तफ़्तीश और उचित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें इनकम टैक्स ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अजित पवार की तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये की ऐसी संपत्तियों को सीज किया है। इसका कनेक्शन सीधे तौर पर पवार से है। इनकम टैक्स के सूत्रों के मुताबिक ये कार्रवाई विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत की है. यानी इनकम टैक्स विभाग की शुरुआती तफ़्तीश के दौरान मिले कई सबूतों और दस्तावेजों के आधार पर बने रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई थी कि गलत तरीके यानी अवैध तौर पर अर्जित पैसों से कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया. इसी वजह से इस प्रॉपर्टी को फिलहाल सीज कर लिया गया है।
इनकम टैक्स के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक कई शहरों में उनकी प्रॉपर्टी को सीज किया गया है जिसमें जरंगदेश्वर चीनी उद्योग मिल कारखाना, साउथ दिल्ली में स्थित एक फ्लैट, गोवा में स्थित निलय नाम का रिसोर्ट, मुंबई स्थित निर्मल बिल्डिंग, महाराष्ट्र स्थित करीब 27 अलग -अलग कई लोकेशन पर प्रॉपर्टी /जमीन और कुछ अज्ञात प्रॉपर्टी शामिल है। इनकम टैक्स के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक कई शहरों में उनकी प्रॉपर्टी को सीज किया गया है जिसमें जरंगदेश्वर चीनी उद्योग मिल कारखाना, साउथ दिल्ली में स्थित एक फ्लैट, गोवा में स्थित निलय नाम का रिसोर्ट, मुंबई स्थित निर्मल बिल्डिंग, महाराष्ट्र स्थित करीब 27 अलग -अलग कई लोकेशन पर प्रॉपर्टी /जमीन और कुछ अज्ञात प्रॉपर्टी शामिल है।