28 C
Mumbai
Sunday, September 22, 2024
होमन्यूज़ अपडेटबकाया बिजली बिल वसूलने की जगह सब्सिडी बांट रहा ऊर्जा विभाग

बकाया बिजली बिल वसूलने की जगह सब्सिडी बांट रहा ऊर्जा विभाग

वित्त विभाग ने नाराजगी जताई, भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

Google News Follow

Related

मुंबई। महाराष्ट्र के चुनिंदा क्षेत्रों में उद्योगों लगाने के लिए दी जाने वाली बिजली सब्सिडी गुपचुप तरीके से बहाल किये जाने पर राज्य के वित्त विभाग ने नाराजगी व्यक्त की है। विभाग का कहना है कि, बकाया बिजली बिलों की राशि 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है उसे वसूलने की बजाय ऊर्जा विभाग सब्सिडी बांट रहा है। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत का कहना है कि, सब्सिडी रोकी थी अब फिर से जारी किया है। सात सदस्यीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद गलतियों में सुधार करेंगे। इधर, इस पूरे मामले की शिकायत करने वाले उद्योगपतियों का कहना है कि यह तो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का मामला है। जो सब्सिडी का लाभ ले रहे थे उन्हें फिर से सरकार सब्सिडी दे रही है, जबकि गलत तरीके से सब्सिडी लेने वाले उद्योगपतियों से सरकार को वसूल करना चाहिए था।

राज्य के पिछड़े क्षेत्र विदर्भ, मराठवाडा सहित अन्य पिछड़े जिलों में उद्योग लगाने वालों को सरकार सन 2016 से बिजली में सब्सिडी देती है। इन क्षेत्रों में 7500 से ज्यादा उद्योग है जिन्हें सरकार सालाना 1200 करोड़ रुपये की बिजली में सब्सिडी देती है, लेकिन सब्सिडी देने के नियम व शर्त इस तरह से बनाए गए जिसका लाभ चंद उद्योगपति ही ले रहे हैं। शिकायत करने वाले अडो. विनोद सिंह कहते हैं कि, कुल सब्सिडी में से महज 15 उद्योगपति 65 प्रतिशत रकम लू रहे हैं जिससे अन्य उद्योगपतियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि उस क्षेत्र से उद्योगपति पलायन करने लगे हैं। इस पूरे मामले को लेकर अडो. सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार सहित सभी संबंधित विभागों में शिकायत की है।
समिति की रिपोर्ट से पहले ही सब्सिडी बहाल: बिजली सब्सिडी की लूटपाट रोकने के लिए ऊर्जा विभाग ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया था, ताकि सब्सिडी का लाभ सभी उद्योगपतियों को दिया जा सके। समिति की बैठक हुई, उसकी रिपोर्ट आ गई है जिसकी समीक्षा की गई है, लेकिन वह रिपोर्ट अब तक ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के पास नहीं आई है। राउत कहते हैं कि, कई सारे कारणों के चलते सब्सिडी रोकी थी जिसे फिर से बहाल किया है। एक महीने की सब्सिडी दी है। रिपोर्ट पर पूर्ण अध्ययन के बाद जो गलती है उसमें सुधार करेंगे।
भ्रष्टाचार की बू आ रही: सब्सिडी की लूटपाट उजागर करने वाले शिकायतकर्ता अडो. विनोद सिंह कहते हैं कि,  ऊर्जा मंत्री ही अपने ही आदेश से पलट गए हैं। इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। रिपोर्ट की संपूर्ण समीक्षा के बिना सब्सिडी कैसे बहाल की जा सकती है ? उल्टे हमने तो पत्र दिया था कि जिन लोगों को गलत तरह से सब्सिडी दी गई है उनसे रकम वापस ली जाए, यहां तो ऊर्जा मंत्री उन्हीं लोगों को सब्सिडी देने के लिए सरकारी तिजोरी खोल दी है। अभी तो हमने इसकी शिकायत सरकार में की है। कोई जवाब नहीं आया तो यह मामला वे कोर्ट में लेकर जाएंगे।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,378फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें