मुंबई। धुलिया के साक्री डिपो में कार्यरत एसटी बस चालक कमलेश बेड़से के आत्महत्या कर लिए जाने की घटना से राज्य की राजनीति को गर्म हो रही है। इस घटना के मद्देनजर महाराष्ट्र भाजपा समेत एसटी कर्मियों ने राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब पर जोरदार हमला करते हुए उन्हें चेतावनी दी है कि अपने विभाग पर ध्यान दें।
समय पर नहीं मिल रहा था वेतन: कहा जाता है कि बेड़से ने इसलिए खुदकुशी कर ली थी, क्योंकि उसे समय पर वेतन नहीं मिल रहा था। बेड़से ने अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इससे परिवहन विभाग के कर्मचारियों के अनियमित वेतन का मामला एक बार फिर उभरकर सामने आ गया है। बेड़से की आत्महत्या की जानकारी शुक्रवार 27 अगस्त को मिली।
सरकार से मांगी आर्थिक मदद: कमलेश बेड़से की आत्महत्या की घटना ने धुलिया में उनके परिवार और एसटी संगठनों को आक्रामक बना दिया है। उनका दावा है कि अपर्याप्त वेतन के कारण बेड़से ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। एसटी मजदूर संघ ने मृतक कमलेश बेड़से के परिवार के लिए सरकार से तत्काल आर्थिक मदद की मांग की है।
मदद-बकाया नहीं देने तक अंतिम संस्कार नहीं: बेड़से परिवार और एसटी कामगार संगठनों ने कहा है कि जब तक परिवार को वित्तीय सहायता और बकाया वेतन नहीं दिया जाता, तब तक शव को अंतिम संस्कार करने नहीं ले जाएंगे। इस घटना की खबर मिलते ही धुलिया में कई जगहों पर वाहनों को रोक दिया गया और सड़कों पर प्रदर्शन किया गया। डिपो और हाईवे पर भी बसों को रोका गया। नतीजा यह रहा कि नागपुर-सूरत हाईवे पर जाम लग गया।
जन-मन की भावनाओं का रखें ख्याल: इस बीच इस घटना को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है और भाजपा ने ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र भाजपा ने अनिल परब को गृह विभाग में दखल देने की बजाय अपने विभाग पर ध्यान केंद्रित करने की फटकार लगाई है। भाजपा ने मांग की है कि ‘सिर्फ जन की ही नहीं,अगर मन में भी जरा सी शर्म बची हो, तो सभी कर्मचारियों के बकाया वेतन का तुरंत करे।