मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने इजराइली कंपनी ‘एनएसओ’ की सेवा उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान नहीं ली। यह कंपनी सैन्य श्रेणी की पेगासस जासूसी ऐप सरकारों को आतंकवादियों और अपराधियों पर नजर रखने के लिए मुहैया कराती है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में महाराष्ट्र के अधिकारी इजरायल खेती की तकनीक सीखने गए थे। महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार चाहे तो इसकी जांच करा ले।फडणवीस वर्ष 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और इस समय राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्होंने पेगासस सॉफ्टवेयर संबंधी दावों के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
एनएसओ की कोई सेवा नहीं ली: खबर के मुताबिक यह सॉफ्टवेयर बिना क्लिक व्यक्ति के फोन को संक्रमित कर सकता है और इसका इस्तेमाल कथित तौर पर भारत और अन्य देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कारोबारियों के स्मार्टफोन हैक करने के लिए किया गया। फडणवीस ने कहा, ‘‘जब तक मैं मुख्यमंत्री रहा महाराष्ट्र सरकार ने एनएसओ की कोई भी सेवा नहीं ली। डीजीआईपीआर (राज्य सरकार का प्रचार विभाग) की टीम विधानसभा चुनाव (2019) के बाद और नई सरकार गठित होने से पहले इजराइल गई थी लेकिन यह दौरा कृषि विभाग के उद्देश्यों के लिए था।’’
कोई गैरकानूनी हैकिंग नहीं: केंद्र सरकार पेगासस के जरिये कथित जासूसी की खबरों को पहले ही खारिज कर चुकी है। फडणवीस ने कहा, ‘‘केवल वैध टैपिंग की गई, कोई गैरकानूनी हैकिंग नहीं की गई।’’ उन्होंने दावा किया कि पेगासस विवाद भारत को बदनाम करने की योजना के तहत उछाला गया है। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा, ‘‘हमने पाया कि एक या दो मीडिया (कंपनियां) को चीन से वित्त मिला है और वे दुष्प्रचार कर रही हैं।’’ पेगासस का मुद्दा संसद सत्र को पटरी से उतारने की योजना का हिस्सा है।
देश की छवि धूमिल करने का प्रयास: उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतें देश की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही हैं, खासतौर पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को प्रगति के पथ पर ले जा रहे हैं। उन्होंने एससी (अनुसूचित जाति) और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के मंत्रियों के साथ सबसे समावेशी सरकार बनाई है।विपक्ष सोची समझी रणनीति के तहत संसद सत्र से पहले यह मुद्दा लेकर आया।’’ फडणवीस ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार ने एनएसओ की मदद से किसी भी व्यक्ति की जासूसी करने से इनकार किया है और इसपर भरोसा किया जाना चाहिए।’’ यह उन्होंने तब कहा जब उनसे पूछा गया कि ब्रिटिश अखबार ने दावा किया है कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन के हैक करने के संकेत मिले हैं, जो पश्चिम बंगाल चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रमुख राजनीतिक रणनीतिकार थे और जिन्हें भाजपा के खिलाफ इस साल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत का श्रेय दिया जाता है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सचिन सांवत ने सोमवार को पूछा था कि क्या ‘पेगासस स्कैंडल’ फडणवीस की नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुआ था। –