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Sunday, November 24, 2024
होमन्यूज़ अपडेटपूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख बोले-आरोपों ने महाराष्ट्र पुलिस में ‘नाराज़गी’ पैदा की

पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख बोले-आरोपों ने महाराष्ट्र पुलिस में ‘नाराज़गी’ पैदा की

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मुंबई। भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों में सीबीआई जांच का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को बांबे हाईकोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ लगाए गए इल्जामों ने पूरे राज्य पुलिस तंत्र में “नाराज़गी” पैदा की है। देशमुख के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ को बताया कि जांच का सामना करने के कारण देशमुख को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदी उठानी पड़ी जबकि सीबीआई की प्राथमिकी में उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल सामग्री मौजूद नहीं है। देसाई देशमुख की ओर से दायर याचिका के समर्थन में दलीलें दे रहे थे। देखमुख ने अदालत से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आग्रह किया है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में देशमुख पर भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप लगाए थे। इस वजह से वह जांच का सामना कर रहे हैं। देसाई ने दावा किया, “एक भी व्यक्ति ने यह नहीं कहा कि उससे पैसे मांगे गए। मामले में कोई पीड़ित नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि सिंह के पत्र की सामग्री ज्यादा से ज्यादा पुलिस आयुक्त कार्यालय के गलियारों में “कुछ संदेह या फुसफुसाहट” उत्पन्न कर सकती है जिसकी निश्चित रूप से जांच वांछित नहीं थी। देसाई ने कहा, “प्राथमिकी में देशमुख के खिलाफ कुछ भी नहीं होने के बावजूद वह निश्चित रूप से यहां दानव बन गए। बिना किसी उचित सामग्री के उन्हें शर्मिंदा किया गया है। उनके खिलाफ प्राथमिकी में कुछ भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “तबादले और तैनाती नीतिगत मुद्दे हैं। वे (सीबीआई) पूरी प्रक्रिया में घुस रहे हैं। आरोपों ने पूरे पुलिस बल में नाराज़गी पैदा की है।” उच्च न्यायालय देशमुख की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ ने अप्रैल में सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह मुंबई के एक थाने में वकील जयश्री पाटिल की ओर से दर्ज कराई गई एक आपराधिक शिकायत के आधार पर देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू करे। पाटिल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर उनकी ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर कार्रवाई की गुजारिश की थी। उन्होंने अपनी याचिका में देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया है और सिंह द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए एक पत्र की एक प्रति भी संलग्न की है जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने देशमुख के खिलाफ आरोप लगाए हैं।

सीबीआई की प्राथमिकी कहती है कि देशमुख को पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की बहाली के बारे में जानकारी थी और तत्कालीन मंत्री ने राज्य पुलिस अधिकारियों के तबादलों और तैनाती में अनुचित प्रभाव डाला। महाराष्ट्र सरकार ने भी उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें उक्त प्राथमिकी से दो पैराग्राफ हटाने का आग्रह किया गया है। ये पैराग्राफ वाजे की बहाली और स्थानान्तरण व तबादलों में देशमुख के दखल से संबंधित हैं। इस साल फरवरी में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास से विस्फोटक सामग्री वाली कार मिलने के मामले में एनआईए ने वाजे को गिरफ्तार किया है। उसे पिछले महीने सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। बुधवार को उच्च न्यायालय ने राज्य की याचिका पर सभी दलीलें सुन ली हैं और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके बाद उसने प्राथमिकी रद्द करने की देशमुख याचिका पर सुनवाई शुरू की।

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