मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज व अत्यंत सम्मानित व्यक्तित्व माने जाने वाले गणपतराव देशमुख नहीं रहे। वे शेतकरी कामगार पार्टी के नेता थे। शुक्रवार 30 जुलाई रात करीब 9 बजे सोलापुर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। वे 94 साल के थे। गणपतराव देशमुख का पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य ठीक न होने से उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
11 बार विधायक चुने गए: गणपतराव देशमुख को महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे वरिष्ठ नेता माना जाता था। पूरे राज्य में आबा के सम्मानपूर्ण संबोधन से परिचित गणपतराव ने अपना पहला विधानसभा चुनाव सोलापुर के सांगोला निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा और जीता था। तब से लेकर 2014 के विधानसभा चुनाव तक गणपतराव राजनीति में सक्रिय रहे। वह 50 से अधिक वर्षों तक महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रहे। इस दौरान वे 11 बार विधायक चुने गए। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने दो बार राज्य मंत्रिमंडल को भी सुशोभित किया।
श्रद्धांजलि अर्पित की: गणपतराव से 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ने का भी आग्रह किया जा गया था। लेकिन उन्होंने अपनी उम्र को कारण बताते हुए इससे मना कर दिया था। उल्लेखनीय है कि गणपतराव ने कभी भी शेकापा के अलावा किसी अन्य पार्टी से चुनाव नहीं लड़ा। वे अंतिम सांस तक पार्टी के वफादार कार्यकर्ता रहे। गणपतराव देशमुख के निधन पर राज्य के गवर्नर महामहिम भगतसिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, प्रमुख विपक्षी नेता देवेंद्र फडनवीस, विधान परिषद में प्रतिपक्ष नेता प्रवीण दरेकर, विधायक अतुल भातखलकर सहित दोनों सदनों के सदस्यों व विविध राजनीतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।