गोवा क्लब अग्निकांड: संकरे रास्ते, भीड़भाड़ वाला डांसफ्लोर और ज्वलनशील संरचना कैसे बनी मौत का जाल

गोवा क्लब अग्निकांड: संकरे रास्ते, भीड़भाड़ वाला डांसफ्लोर और ज्वलनशील संरचना कैसे बनी मौत का जाल

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गोवा के अरपोरा स्थित लोकप्रिय नाइटक्लब बिर्च बाय रोमियो लेन में रविवार (7 दिसंबर)तड़के लगी भीषण आग में 25 लोगों की जान चली गई। मृतकों में 4 पर्यटक और 14 स्टाफ सदस्य शामिल हैं। यह हादसा न सिर्फ आग के कारण, बल्कि क्लब की खतरनाक संरचना, संकरे रास्तों और कथित अवैध निर्माणों के कारण और भी भयावह साबित हुआ। अब यह सवाल उठ रहे हैं कि सुरक्षा मानकों का भारी उल्लंघन करने के बावजूद यह क्लब कैसे खुला हुआ था।

पुलिस के अनुसार, आग रविवार आधी रात के तुरंत बाद लगी। भीड़भाड़ वाले क्लब में भगदड़ मच गई। हैदराबाद की पर्यटक फातिमा शेख़ ने बताया कि कुछ लोग आग लगते ही घबराकर नीचे भागे और सीधे ग्राउंड फ्लोर के किचन में फँस गए, जहाँ से बाहर निकलना असंभव हो गया।

क्लब का लेआउट में संकरी एंट्री और एग्जिट, राहत कार्य में सबसे बड़ी बाधा साबित हुआ। फायर सर्विस के एक अधिकारी ने बताया कि, “सीमित पहुंच के कारण दमकल वाहनों को अंदर तक ले जाना मुश्किल हो गया, जिससे आग पर काबू पाने और लोगों को बचाने में देर हुई।” आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, कई मौतें आग से ज्यादा दम घुटने की वजह से हुईं।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार आग ऊपरी मंज़िल से शुरू हुई। उन्होंने कहा, “दरवाज़े बहुत संकरे थे। कुछ लोग निकल पाए, लेकिन आग तेज़ होते ही कई बाहर नहीं आ सके।” सावंत ने बताया कि भूमिगत हिस्से में भागे कई लोग खराब वेंटिलेशन के कारण दम घुटने से मारे गए। उन्होंने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि क्लब ने फायर सेफ्टी नॉर्म्स का पालन नहीं किया था। वहीं, कलांगुट के विधायक माइकल लोबो ने घोषणा की कि सभी नाइटक्लबों की फायर सेफ्टी ऑडिट की जाएगी, और नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। क्लब की लोकेशन भी बड़ी समस्या बनी, यह बैकवॉटर के किनारे था और केवल एक संकरे रास्ते से ही पहुंचा जा सकता था। दमकल वाहनों को घटना स्थल से 400 मीटर दूर रुकना पड़ा, जिससे बचाव में कीमती समय नष्ट हुआ।

उस रात डांस फ्लोर पर करीब 100 लोग मौजूद थे। चश्मदीदों के अनुसार, क्लब के भीतर बनाई गई अस्थायी पाम-लीफ संरचनाएँ पल भर में आग की लपटों में बदल गईं, जिसने पूरे ढाँचे को चंद मिनटों में जला दिया।

अरपोरा-नागोआ के सरपंच रोशन रेडकर ने दावा किया कि क्लब का निर्माण अवैध था। उन्होंने कहा, “क्लब के पास कोई निर्माण लाइसेंस नहीं था। हमने शिकायतों के बाद जांच की और ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया, लेकिन आदेश को अपील के बाद रोक दिया गया।” पंचायत अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान पाया कि क्लब बिना आवश्यक अनुमतियों के चल रहा था।

गोवा पुलिस प्रमुख आलोक कुमार ने कहा कि आग सिलेंडर विस्फोट से शुरू हुई। लेकिन कई चश्मदीदों ने इस दावे पर सवाल उठाए और बताया कि आग क्लब की पहली मंज़िल से उठी, जहाँ पर्यटक डांस कर रहे थे। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से ₹2 लाख की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए ₹50,000 की सहायता की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि होटल के जनरल मैनेजरों और मालिक के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है और गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। जांच यह भी देखेगी कि निर्माण और फायर सेफ्टी मानकों का पालन हुआ या नहीं।

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