Maharashtra में जलाई जा रही हैं हिंदुओं की दुकानें: देवेंद्र फडणवीस

Maharashtra में जलाई जा रही हैं हिंदुओं की दुकानें: देवेंद्र फडणवीस

त्रिपुरा हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के अमरावती में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। अमरावती बंद सुबह हिंसक हो गया। पथराव करती हुई भीड़ को काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। शुक्रवार को अमरावती में त्रिपुरा हिंसा के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया। अमरावती के अलावा मालेगांव और नांदेड़ में भी प्रदर्शन हुए। कई जगहों में ये प्रदर्शन हिंसक हो गए, पथराव की घटनाएं हुईं, इसके विरोध में हिंदू संगठनों ने शनिवार को बंद का आह्वान किया, लेकिन इस बंद के दौरान अमरावती में सुबह हिंसा भड़क गई। यहां धारा 144 लागू कर दिया गया है। अमरावती की संरक्षक मंत्री यशोमति ठाकुर ने यह जानकारी दी है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने हिंदू और मुस्लिम संगठनों से शांति की अपील की है। अमरावती में शांति बनाए रखें, ये मेरी अपील है। रजा अकादमी पर बीजेपी की बंदी की मांग बीजेपी का एजेंडा है। अभी इस पर कुछ नही बोलूंगा। जिन लोगों ने कानून व्यवस्था की स्थिति खराब की, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। आज पूरे राज्य में शांति है। सिर्फ अमरावती में माहौल खराब किया जा रहा है। मैं हिन्दू,मुस्लिम,सामाजिक संगठनों से मदद की अपील करता हूँ। सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओ से बात कर रहा हूँ। देवेंद्र फडणवीस से मेरी बात हुई है। अमरावती के विधायक रवि राणा से बात हुई. सबसे शांति की अपील मैं खुद कर रहा हूँ। इस हिंसा मामले की जांच होगी,सब सामने आएगा। अभी इंटेलिजेंस फेलियर की बात करना गलत है. सब जानकारी ले रहा हूं. किसी संस्था को मोर्चा या हिंसक आंदोलन की अनुमति नही दी गई थी। सोशल मीडिया के माध्यम से क्या मेसेज वायरल किया गया, उसकी भी जांच होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, ‘त्रिपुरा में जो घटना घटी ही नहीं उसे लेकर महाराष्ट्र में हो रहे दंगे बिल्कुल ग़लत हैं, त्रिपुरा में मस्जिद को जलाया गया इसकी अफवाह फैलाई गई। वहां की पुलिस ने उस मस्जिद की फोटो भी जारी की है। बावजूद इसके महाराष्ट्र में मोर्चे निकाले गए और हिंसा की गई, हिंदू समाज के लोगों की दुकानें जलाई गईं, मैं इसकी निंदा करता हूं। हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के विरोध में त्रिपुरा में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए थे. सोशल मीडिया में इस तरह के मैसेज वायरल हुए कि इन प्रदर्शनों के दौरान मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया. इसके बाद त्रिपुरा में बड़े स्तर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई।

 

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