आत्महत्या कर रहे होटल व्यवसायी,अब तो खोलो हुजूर,एचआरएडब्लूआई ने सरकार से लगाई गुहार

आत्महत्या कर रहे होटल व्यवसायी,अब तो खोलो हुजूर,एचआरएडब्लूआई ने सरकार से लगाई गुहार

file photo

मुंबई। होटल व्यवसायियों के शीर्ष संगठन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (एचआरएडब्लूआई ) ने लॉक डाउन के चलते होटल व्यवसायियों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता जताते हुए सरकार से मांग की है कि इस उद्योग को बचाने के लिए पाबंदी में ढील दी जाए। एसोसिएशन ने विरार के एक होटल व्यवसायी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत का हवाला दिया है, जिसने कुछ दिनों पहले आजीविका के नुकसान के कारण आत्महत्या कर ली थी। देनदारों द्वारा होटल व्यवसायी का पीछा किया जा रहा था और उसे चुकाने के लिए कोई साधन या आय का स्रोत नहीं था, उसे अपना जीवन खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ा।  यह सिर्फ एक घटना है ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां आतिथ्य प्रतिष्ठानों के मालिकों ने वित्तीय नुकसान के चलते मानसिक तनाव के कारण अपनी जान गंवा दी। एचआरएडब्लूआई ने आवाज उठाई है कि होटल और रेस्तरां मालिकों को आजीविका के अधिकार को सीमित किया जा रहा है। एसोसिएशन ने अनुरोध किया है कि उन्हें या तो अपने व्यवसाय को हमेशा की तरह चलाने की अनुमति दी जाए नहीं, तो कम से कम सरकार द्वारा उन्हें वैधानिक वित्तीय दायित्वों से मुक्त करने के लिए राहत और छूट दिया जाए।

एचआरएडब्लूआई के अध्यक्ष शेरी भाटिया ने कहा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ कि एक होटल व्यवसायी ने आर्थिक नुकसान के कारण आत्महत्या करने का फैसला किया। दुर्भाग्य से यह एक ही घटना नहीं है, पिछले डेढ़ साल में, इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं। लाॅकडाउन से हुए आर्थिक नुकसान और इसको लेकर जारी पाबंदियों ने रोजी-रोटी कमाने का अधिकार छीन लिया है। उद्योग बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है और किसी भी तरह का कोई राहत नजर नहीं आ रहा है।  होटल और रेस्तरां मालिक कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें व्यवसाय का नुकसान, वेतन का भुगतान, संपत्ति का रखरखाव और किराए का अतिरिक्त बोझ, लाइसेंस शुल्क, कर, वैधानिक शुल्क, उपयोगिता बिल शामिल हैं।  यह होटल व्यवसायियों के मानसिक तनाव का कारण बन रहा है और उन्हें कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है।  किसी भी व्यक्ति को ऐसी स्थिति में नहीं होना चाहिए जहां उसे लगे कि जीवन समाप्त करना ही उसके संकटों का समाधान है। अब यहीं समय है जब सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। ”

एचआरएडब्लूआई ने जिन शहरों और जिलों में बहुत कम कोविड – 19 के मामलें  है वहाँ  प्रतिबंधो  के बिना रेस्तरां संचालित करने के लिए समय और प्रोटोकॉल में बदलाव का अनुरोध किया है। एचआरएडब्लूआई ने अनुरोध किया है कि स्तर 1 या 2 के अंतर्गत आने वाले रेस्तरां को संबंधित लाइसेंस के तहत अनुमत समय के अनुसार संचालित करने की अनुमति दी जाए। एचआरएडब्लूआई  ने कहा है कि रेस्तरां को शनिवार और रविवार सहित सप्ताह के दौरान सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे के बीच संचालित करने की अनुमति दी जाए। एचआरएडब्लूआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, श्री प्रदीप शेट्टी ने कहा, ” हमने सरकार को उद्योग की दुर्दशा से अवगत कराने के लिए कई प्रयास किए हैं।  पिछले पंद्रह महीनों में, हमने सभी दरवाजे खटखटाए हैं और सरकार को हर संभव सिफारिशें पेश करते हुए कई ज्ञापन दिए हैं।  दुर्भाग्य से सरकार की तरफ से बहुत कुछ नहीं हुआ।  होटल व्यवसायियों द्वारा व्यवसायिक नुकसान के चलते अपना जीवन समाप्त करने वाली घटनाओं की श्रृंखला को सरकार के लिए चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। महामारी की शुरुआत के बाद से हुए नुकसान के लिए लाइसेंस शुल्क और अन्य वैधानिक दायित्वों के संदर्भ में उद्योग को वित्तीय राहत देना चाहिए।  साथ ही रेस्तरां को अब वीकेंड समेत रोजाना सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे तक खुला रहने दिया जाए।  वर्तमान में ऐसा कोई कारण नहीं है जिससें हमें अनुमति नहीं दी जा रही है।  सरकार को व्यापार मालिकों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए उन्हें अपनी आजीविका कमाने की अनुमति देनी चाहिए। “

Exit mobile version