मराठवाडा मुक्ति संग्राम दिवस पर सीएम ने लगाई वादों की झड़ी  

भारत सेना ने निजाम की दी थी शिकस्त  

मराठवाडा मुक्ति संग्राम दिवस पर सीएम ने लगाई वादों की झड़ी  

Not Mumbai, but Eknath Shinde's head office is here?

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में विभिन्न विकास परियोजनाओं पर कार्य करेगी और इन कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी। शिंदे औरंगाबाद शहर में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ जिसे मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिन के नाम से भी जाना जाता है, की वर्षगांठ के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। जहां उन्होंने तिरंगा फहराया। हैदराबाद का भारतीय संघ में विलय करने के लिए भारतीय सेना ने निजाम को हराया था।

तभी से भारत के साथ मराठवाड़ा के एकीकरण की वर्षगांठ ‘मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिन’ के रूप में मनाई जाती है। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार मराठवाड़ा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य कर रही है और इन कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एलोरा में घृष्णेश्वर मंदिर में विकास कार्य करेंगे। सरकार एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, औरंगाबाद में पैठण गार्डन और संग्रहालय के नवीनीकरण, जालना और औरंगाबाद में पानी की पाइपलाइन योजनाओं एवं अन्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर भी सकारात्मक है।’’ उन्होंने कहा कि अधिकारियों को औरंगाबाद में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हैदराबाद मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य पर तीन राज्यों (17 सितंबर 1948 तक निजाम शासन का हिस्सा रहे तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक) के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आज हैदराबाद में होगा।’’ उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति से उत्पन्न होने वाली क्षेत्र की समस्याओं को कम करने के मकसद से समुद्र में जाने वाले पानी को मराठवाड़ा की ओर मोड़ने के लिए एक परियोजना शुरू की गई है। शिंदे ने कहा कि सरकार ने राज्य में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन पर रोक नहीं लगाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योगों को भूखंडों के आवंटन पर रोक के बारे में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। समीक्षा की गई है। सरकार यहां आने वाले निवेशकों को अधिकतम सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ वह इन रिपोर्ट संबंधी सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि सरकार ने एक जून, 2022 के बाद आवंटित एमआईडीसी भूखंडों पर रोक लगाने का आदेश दिया है और अधिकारियों से किए गए आवंटन की समीक्षा करने के लिए कहा है।

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