मुंबई। समूचे देश में कल जहां स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव का जश्न मनाया जा रहा था, वहीं महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार अपनी करनी का फल भोग रही थी। इस दरमियान ठाकरे सरकार से न्याय न मिलने से क्षुब्ध पीड़ितों के राज्य भर में तीन जगह आत्मदाह की कोशिश किए जाने की घटनाएं हुईं। सुबह मंत्रालय परिसर में जलगांव के एक किसान ने खुद को आग लगाने का प्रयास किया। बाद में, धुलिया और तुलजापुर में भी इसी तरह आत्मदाह का प्रयास करने के मामले सामने आए।
असंतोष के चलते आत्मदाह के प्रयास: स्वतंत्रता दिवस की सुबह जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री झंडा फहराकर मंत्रालय में भाषण दे रहे थे, तभी एक किसान ने मंत्रालय के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की। जलगांव जिले का यह किसान वहां की पुलिस की आतताई से परेशान है। मंत्रालय परिसर में सुरक्षा कारणों से तैनात मरीन लाइंस पुलिस और मंत्रालय पुलिस इस घटना को टालने में कामयाब रही। दूसरी घटना धुलिया में हुई। धुलिया में एक चरवाहे ने आत्मदाह का प्रयास किया है। वह अपनी खेती के हुए भारी नुकसान और इसका मुआवजा न मिलने से व्यथित है। तीसरी घटना के अंतर्गत तुलजापुर में भी ऐसा ही आत्मदाह का प्रयास किया गया। तुलजापुर में कुछ महिलाओं ने सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया। इन दोनों जगहों पर भी मौजूद पुलिस ने सावधानी बरतते हुए किसी भी तरह की अनहोनी को टाल दिया।
जरा तो शर्म करो सरकार: इन घटनाओं को लेकर महाराष्ट्र के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सत्तारूढ़ ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र भाजपा ने ट्विटर के जरिए ठाकरे सरकार की खिंचाई करते हुए कहा है कि अगर ठाकरे सरकार को जरा-सी भी शर्म बाकी है, तो उसे इन पीड़ितों की समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए।