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Sunday, December 7, 2025
होमन्यूज़ अपडेटइंद्रायणी नदी पर पुल हादसा: लापरवाही, भीड़ या जर्जर ढांचा?

इंद्रायणी नदी पर पुल हादसा: लापरवाही, भीड़ या जर्जर ढांचा?

4 की मौत, 51 घायल, पुल पर सवार थे 200 लोग

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पुणे जिले के मावल तालुका स्थित कुंदमाला में शनिवार 15 जून की दोपहर एक भयानक हादसा हुआ जब इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना पैदल पुल ढह गया। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 51 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के समय 150 से 200 लोग और 7-8 बाइकें पुल पर मौजूद थीं।

हादसे की वजह: भीड़भाड़ और ढांचा चरमराया:

पुल सिर्फ चार फीट चौड़ा था और केवल पैदल यात्रियों के लिए निर्धारित था। बावजूद इसके, भारी भीड़ के साथ दोपहिया वाहन भी उस पर चढ़ गए। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने घटना को भीड़ और पुल के पुराने, जंग लगे ढांचे की वजह से हुई दुर्घटना बताया। उन्होंने कहा, “पुल पुराना था, उस पर कई लोग खड़े थे, जिससे वह गिर गया।”

पुल के दोनों किनारों पर दोपहिया वाहनों की एंट्री पर रोक के साइनबोर्ड लगे थे, फिर भी लोग उन्हें नजरअंदाज कर रहे थे। घटनास्थल पर राहत कार्य देख रहे मंत्री गिरीश महाजन ने बताया, “लोगों ने चेतावनी की अनदेखी की और भारी भीड़ की वजह से यह हादसा हुआ।”

स्थानीय निवासियों ने वर्षों से दी थी चेतावनी:

स्थानीय निवासी और भाजपा नेता बालासाहेब शेलार ने बताया कि पिछले कई वर्षों से इस पुल की मरम्मत और सुरक्षा को लेकर प्रशासन से शिकायतें की जा रही थीं। दो साल पहले गांववालों ने PWD और ग्राम पंचायत को पत्र लिखा था। पिछले साल भाजपा विधायक रवींद्र चव्हाण ने ₹80,000 स्वीकृत किए, लेकिन मरम्मत नहीं हुई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस केवल सप्ताहांत पर गश्त करती थी, लेकिन स्थायी व्यवस्था नहीं थी। हादसे के कुछ घंटे पहले ही किसी ने कंट्रोल रूम को पुल पर भीड़ की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस के चले जाने के बाद भीड़ फिर लौट आई। इससे यह साफ होता है कि प्रशासनिक लापरवाही भी हादसे की बड़ी वजह थी।

हादसे की भयानक तस्वीर

घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुल करीब 5 मिनट तक हिलता रहा, फिर बीच का हिस्सा अचानक धंस गया। लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजों के बीच स्थानीय ग्रामीण सबसे पहले बचाव के लिए पहुंचे। फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमें 15 मिनट में मौके पर पहुंच गईं।

जिलाधिकारी जितेंद्र दुड़ी ने जानकारी दी कि 55 लोगों को बचा लिया गया है और 51 घायल अस्पतालों में भर्ती हैं। मृतकों की पहचान चंद्रकांत साल्वे, रोहित माने और विहान माने के रूप में हुई है, जबकि एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

पूर्व विधायक दिगंबरदादा भेगड़े ने 2017 में ही नए पुल की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मानसून में पर्यटन स्थलों पर सावधानी बरतने को कहा था, फिर भी अनदेखी की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को हादसे की जानकारी दी, दोनों नेताओं ने संवेदना प्रकट की। अब पुल की संरचना, जिम्मेदारी और अनदेखी पर जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है।

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