जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही तेज बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। भारी वर्षा के चलते कई जगहों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। मंगलवार को डोडा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां अचानक आए पानी और फ्लैशफ्लड्स से अफरातफरी मच गई। शुरुआती खबरों में क्लाउडबर्स्ट की आशंका जताई गई थी, हालांकि जिला प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया।
डोडा के भलेसा इलाके में एक घर गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई। वहीं, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर डोडा, हरविंदर सिंह से बात की। डीसी ने बताया कि “भलेसा के चरवा इलाके में फ्लैशफ्लड की सूचना मिली है। अब तक किसी जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और अपडेट दिए जा रहे हैं।”
लगातार हो रही बारिश से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, रामबन जिले के चंदेरकोट, केला मोड़ और बैटरी छेश्मा इलाके में पहाड़ों से पत्थर गिरने के चलते हाईवे को एहतियातन बंद करना पड़ा। यह हाईवे कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र ऑल-वेदर सड़क है। मंगलवार सुबह से ही उधमपुर से काजीगुंड तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नदियां उफान पर दिख रही हैं और कई जगहों पर सड़कें जलमग्न हो गई हैं। लगभग सभी नदियां और नाले खतरे के निशान पर या उससे ऊपर बह रहे हैं। जम्मू शहर और आसपास के निचले इलाकों में पानी भरने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने विभिन्न जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इनमें जम्मू (0191-2571616), सांबा (01923-241004), कठुआ (01922-238796), पूंछ (01965-2200888), राजौरी (01962-295895), उधमपुर (01992-272727), रियासी (9419839557), रामबन (01998-29550), डोडा (9596776203) और किश्तवाड़ (9484217492) शामिल हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों ने बताया कि यह भारी बारिश पश्चिमी विक्षोभ और मानसून के संयुक्त प्रभाव से हो रही है। सोमवार रात साढ़े 10 बजे से शुरू हुई बारिश मंगलवार रात तक जारी रही। अधिकारी ने कहा कि “अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं। 30 अगस्त से 1 सितंबर तक फिर से पूरे जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है।”
कठुआ और सांबा जिलों में सोमवार से अब तक 140 मिमी बारिश दर्ज की गई है। विभाग ने अनुमान जताया है कि बुधवार से मौसम में सुधार होगा, लेकिन अगले सप्ताह फिर से भारी वर्षा का दौर लौट सकता है।
भारी बारिश का असर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर भी पड़ा है। वहां कम से कम 68 सड़कें, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, भूस्खलन और मलबे के कारण बंद हो गई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है।
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