मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे कैसे और किस कदर बना है मौत का महामार्ग, जानें

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे कैसे और किस कदर बना है मौत का महामार्ग, जानें
मुंबई। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे मौत का महामार्ग बन गया है। बीते साल 2020 में यहां चालक के वाहन से नियंत्रण खोने के कारण 30 जानलेवा हादसे हुए थे तथा साथ ही, ट्रैफिक नियमों का पालन न करने से भी हुए हादसों में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।

सीट-बेल्ट न लगाने से गई कई जानें: सेव लाइफ फाउंडेशन नामक संगठन द्वारा इस बाबत कराए सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद फिलहाल चारों तरफ मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे फॉर एक्सीडेंट सेशंस की चर्चा है। इसमें जहां सीट-बेल्ट नहीं लगाने से कई लोगों की जान चली गई होने का समावेश है, वहीं जरूरत न होने के बावजूद वाहनों की तेज रफ्तार भी जानलेवा हादसों की वजह बनी है और इसमें खासा इजाफा हुआ है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आवश्यकता से अधिक मोड़ वाली सड़कों पर हादसे बढ़े हैं।
नियमों का उल्लंघन हादसों का प्रमुख कारण: ड्राइवरों पर लागू यातायात नियमों के बावजूद आज भी कई वाहनचालकों के सीट-बेल्ट न बाँधने के कारण गंभीर हादसों का सामना करना पड़ रहा है। बीते  साल भर में तेज रफ्तार वाहनों के चलते अनेक हादसे हो चुके हैं। बार-बार लेन बदलते रहने से भी हादसों की प्रबल आशंका रहती है, लेकिन चालक अक्सर इस बात को नज़रअंदाज करते रहते हैं। चालकों द्वारा नियमों का उल्लंघन हादसों का एक प्रमुख कारण है। इससे अब तक करीब 25 भयानक हादसे हो चुके हैं।
सतर्कता है बेहद जरूरी: दो वाहनों के आपस में टकराने के भी कई हादसे हैं। दो ट्रकों में हुए हादसों, पदयात्री व अज्ञात वाहन की टक्कर और कार-ट्रक में हुई भिड़ंत में कम-से-कम 29 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा अन्य कई कारणों से एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसों में कई लोगों की जान चली गई। यदि वाहनचालक बुनियादी ट्राफिक नियमों का ठीक से पालन करें, तो सड़क हादसों की इस श्रृंखला को निश्चित रूप से कम किया जा सकता है। यह तस्वीर अब साफ हो गई है कि ज्यादातर हादसे वाहनचालकों द्वारा नियमों का पालन न करने के कारण होते हैं।

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