मुंबई। वैसे तो हर आम आदमी के दिमाग में यही बात आएगी कि भला कौन जेल से बाहर नहीं निकला चाहेगा पर महाराष्ट्र में एक दो नहीं बल्कि 26 कैदी ऐसे हैं जो कोरोना महामारी के चलते जेल से बाहर निकलने का मौका लेने को तैयार नहीं हैं। उन्हें बाहर की दुनिया की बजाय जेल की दुनिया ही ज्यादा भा रही है।इसलिए इन कैदियों ने पेरोल पर जेल से बाहर आने से इंकार कर दिया है। कोविड-19 की स्थिति के कारण महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे कम से कम 26 दोषियों को आपातकालीन पैरोल मिलने वाली थी, लेकिन कैदियों ने यह सुविधा लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे घर जाकर अपने परिवार के ऊपर बोझ नहीं बनना चाहते। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ कैदियों ने कहा कि वे अपनी सजा पूरी करने के बाद ही जेल से बाहर जाना चाहते हैं।
कैदियों का मानना है कि बाहर जाकर वे रोजगार ढूंढने में नाकाम रहे तो आर्थिक परेशानियों के इस दौर में अपने परिवार पर ही बोझ बन जाएंगे। महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य के गृह विभाग ने जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के अलावा कई अन्य फैसले लिए थे। राज्य सरकार की ओर से गठित एक समिति की ओर से की गयी समीक्षा में इस बात का पता चला है कि कुछ कैदी पैरोल की सुविधा लेने के इच्छुक नहीं हैं। नवी मुंबई के तलोजा केन्द्रीय कारागार में धोखाधड़ी के मामले में बंद ओडिशा के एक कैदी ने पैरोल की सुविधा लेने से इनकार करते हुए अधिकारियों से कहा कि यदि आपातकालीन पैरोल पर वह बाहर जाता है तो अपने परिवार पर ही बोझ बन सकता है। मुंबई की जेल आर्थर रोड के अधीक्षक ने भी बताया कि वहां दो कैदी पैरोल के पात्र हैं, लेकिन वे बाहर नहीं आना चाहते। गौरतलब है कि पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि अधिकतर कैदी जेल में ही रहना चाहते हैं।