ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार को मिली हार के बाद भाजपा ने कहा है कि बगैर ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार की ढिलाई व लापरवाही के कारण ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण गंवा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हुआ है। ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव हो।
उन्होंने कहा कि, शिवसेना- कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस की महाविकास आघाडी सरकार ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के संबंध में शुरुआत से ही लापरवाही व ढिलाई की है। मार्च 2021 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस आरक्षण को रद्द करने वाला परिणाम देने के बाद भी सरकार नहीं जागी है। इसके पश्चात भी यदि तत्काल सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार कार्यवाही की जाती और एम्पीरिकल डेटा को जमा किया जाता तो ओबीसियों को अब तक स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में राजनीतिक आरक्षण फिर से मिला होता। महाविकास आघाडी सरकार निरंतर टालमटोल करती रही। अब भी सर्वोच्च न्यायालय से समय मांगते समय प्रस्तुत की गई रिपोर्ट कच्ची थी, ऐसा स्पष्ट हो गया है।
उन्होंने कहा कि, ओबीसियों को राजनीतिक आरक्षण मिले ही नही इस तरह से महाविकास आघाडी सरकार ढिलाई व लेटलतीफी कर रही है। भाजपा यह स्वीकार नहीं करेगी। आघाडी सरकार को तत्काल सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार कार्यवाही करके ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण लेकर देना चाहिए। इस आरक्षण को फिर से मिलने तक स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं का चुनाव न ले। इस बीच राज्य मंत्रिमंडल ने बैठक कर फैसला लिया है कि बगैर आरक्षण मनपा-नपा के चुनाव नहीं होंगे।
ये भी पढ़ें