महामार्ग बनता महाकाल: साढ़े चार साल में 400 लोगों की मौत​

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर घाट​ यानि पहाड़ी​ क्षेत्र में वाहनों की गति सीमा 50 किमी प्रति घंटा और अन्य स्थानों पर 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इसमें और पांच ​प्रतिशत​​ की छूट दी गई है​|​ ​हालांकि इस हाईवे पर तय की गई ​गति​ सीमा​ का वाहन चालक पालन नहीं करते हैं।

महामार्ग बनता महाकाल: साढ़े चार साल में 400 लोगों की मौत​

400 people died in four and a half years

मुंबई-पुणे महामार्ग​​ ​लोगों के लिए महाकाल बनता दिखाई दे रहा है| हाइवे पुलिस विभाग की ओर से महामार्गों​ पर तेजी​ से बढ़ती दुर्घटनाओं के पीछे​ तेज गति ​​ लापरवाही से गाड़ी चलाना​ और अचानक लेन बदलना​ आदि मुख्य कारण बताये जा रहे है| गत दिन पहले​​मुंबई-पुणे एक्सप्रेस​-​वे ​पर ​शिव संग्राम एसोसिएशन के अध्यक्ष ​व विधायक विनायक मेटे ​की सड़क दुर्घटना​ से हुई मौत​ के कारण ​महामार्ग ​विवादों के घेरे में है।
एक्सप्रेस-वे पर​ दुर्घटना और उसमें में हुई मौत के आंकड़ा यह स्पष्ट करता है कि इन​ महामार्गों पर बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिसके कारण – 2018 से अब तक मुंबई-पुणे एक्सप्रेस​-​वे पर 337 भीषण​ ​में 400 लोगों की मौत हो चुकी है और 265 दुर्घटनाओं​ में 626 लोग घायल हो चुके हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर घाट​ यानि पहाड़ी​ क्षेत्र में वाहनों की गति सीमा 50 किमी प्रति घंटा और अन्य स्थानों पर 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इसमें और पांच प्रतिशत​​ की छूट दी गई है|​ ​हालांकि इस हाईवे पर तय की गई गति​ सीमा​ का वाहन चालक पालन नहीं करते हैं।
परिणाम​ स्वरूप ​तेज गति ​ के वाहन से ​चालक अपना ​नियंत्रण खो देता है और दुर्घटनाएं होती हैं। हाईवे पुलिस विभाग​​​​ वाहनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए स्पीड लिमिट का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करती है​| इसके बावजूद वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करते दिखाई देते हैं|इसके अलावा, वाहनों के लिए निर्धारित मार्गों का उपयोग किए​ बगैर ही ​वाहन चालकों द्वारा अपने वाहनों को ​लापरवाही से चलाया जाता है। एक रास्ते से दूसरे रास्ते में घुसकर नियमों का उल्लंघन किया गया​ जाता है​। भारी वाहनों के चालक बड़े पैमाने पर ऐसा करते हैं।
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर लापरवाही से वाहन चलाना, लेन उल्लंघन, शराब पीकर गाड़ी चलाना जैसे विभिन्न कारणों से बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हो रही हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर 2018 से जून 2022 तक हुए 337 भीषण​ दुर्घटनाओं ​में 400 लोगों की मौत हो गई। 2018 में 100 दुर्घटनाओं में 114 लोगों की मौत हुई और 2021 में 71 ​भीषण ​दुर्घटनाओं में 88 लोगों की मौत हुई। जनवरी से जून 2021 के बीच 41 भीषण​ सड़क दुर्घटना ​में 50 लोगों ​को अपनी जान गंवानी पड़ी​। हाईवे पुलिस के​ अनुसार जनवरी से जून 2022 के बीच 30 दुर्घटनाएं हुई हैं​, जिसमें​ 40 लोगों की जान​ चली गयी|​ 
मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर वाहनों​ की गति सीमा​ का उल्लंघन, बिना सीट बेल्ट​ ​के​ ​गाड़ी चलाना आम होता जा रहा है|​​ इसके खिलाफ हाइवे पुलिस ने 17 जुलाई से 3 अगस्त तक विशेष कार्रवाई अभियान चलाया था|​​ इन दोनों मामलों​​ में कुल 6,500 से अधिक वाहन​ चालक दोषी​ पाए गए, जिसमें गति सीमा के उल्लंघन के 4,777 मामले शामिल हैं।
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